महेंद्रगढ़,17 जुलाई (निस)
उतरी हरियाणा में भारी बारिश के कारण आई बाढ़ के पानी को सरकार द्वारा दक्षिणी हरियाणा की नहरों के माध्यम से बरसाती नदियों में छोड़ा जा रहा है, ताकि यहां का जलस्तर में सुधार हो सके। महेंद्रगढ़ जिले से गुजरने वाली दोहान नदी में पानी छोड़ा गया तो प्रशासन की तैयारी नहीं होने से लोगों को भारी परेशानी उठानी पड़ी।
महेंद्रगढ़ से गुजरने वाली दोहान नदी में नहरों के माध्यम से पानी छोड़ा गया, ताकि यहां के जलस्तर में सुधार हो सके। यह पानी डुलाना रोड, बुचियावाली गौशाला, हनुमान मंदिर,पार्क तथा डीएवी स्कूल के रास्ते में पानी जमा हो गया, जिससे लोगों को भारी परेशानी उठानी पड़ी। डुलाना रोड पर दर्जनों गांवों के लोगों का आवागमन है, जिस कारण से यहां का रास्ता बाधित हो गया। बाद में इसकी शिकायत प्रशासन से की गई। गौशाला के प्रधान नवीन राव ने बताया कि पिछली बार भी इसी तरह की समस्या का सामना करना पड़ा था। अधिकारियों ने आश्वासन दिया है परंतु हमें समाधान चाहिए। डीएवी स्कूल के प्रिंसिपल ने भी बताया कि पिछली बार भी दोहान नदी का पानी स्कूल के कमरों में घुस गया था, जिससे भारी नुकसान उठाना पड़ा था। बच्चों को भी पानी में से बड़ी मुश्किल से बचाया गया था। इस बार भी वही स्थिति पैदा होती जा रही है। प्रशासन से इसके समाधान की मांग करते हैं। वहीं झुग्गी-झोपड़ियों में भी पानी चला गया। प्रभावितों का कहना था कि उनका आशियाना पानी की भेंट चढ़ गया है।
प्रशासन की तरफ से एसडीएम, सिंचाई विभाग के एक्शन, एसडीओ, वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और उन्होंने स्थिति का जायजा लिया। इसके बाद में सड़क पर बड़ा पाइप डालने की प्रक्रिया शुरू की गई ताकि इस पानी को निकाला जा सके। अधिकारियों ने कहा कि उनका प्रयास है कि इस पानी को व्यवस्थित ढंग से निकाला जाए ताकि लोगों को परेशानी न हो। पूर्व शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा ने भी डुलाना रोड पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रशासन की तरफ से दोहान नदी के पानी को उचित प्रबंध करके आगे ले जाए जाए, ताकि लोगों को परेशानी न उठानी पड़ेगी।
समस्या पैदा होने पर जागा प्रशासन
पिछली बार से प्रशासन ने कोई सीख नहीं ली और उदासीन रवैया अपनाए रखा। जब पानी गौशाला, पार्क, हनुमान मंदिर व डीएवी स्कूल परिसर में घुसा और इनके रास्ते पानी से भरे उसके बाद में प्रशासन को शिकायत की गई । प्रशासन आनन-फानन में मौके पर पहुंचा और उसके बाद में जेसीबी के माध्यम से पानी को निकालने की प्रक्रिया शुरू की गई। लोगों का यही कहना है कि अगर प्रशासन ने पहले यह प्रयास किए होते तो आज लोगों को इस तरह की दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ता।