नूंह/मेवात, 9 नवंबर (निस)
जिला का जलदाय विभाग समय-समय पर अपने कार्यक्रमों के जरिये लोगों को जल के महत्व के प्रति जागरूक कर रहा है, जबकि शासन-प्रशासन भी अमृत महोत्सव व अन्य कार्यक्रमों के जरिये जल बचाने का संदेश दे रहे हैं और पोस्टर व विभिन्न प्रचार सामग्री के जरिये जल संरक्षण के प्रति जागरूक कर रहा हैं लेकिन, हकीकत यह है कि जलदाय विभाग ही अपने बनाये नियमों की सरेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं। जगह-जगह बगैर टूटी के थोक के भाव लगे स्टैंड पोस्ट, सर्विस स्टेशन, गले पाइप के अलावा घरों में गाड़ियां, पशुओं आदि को नहलाने आदि पर रोजाना हजारों लीटर पानी व्यर्थ बहाया जा रहा हैं। सर्दी के मौसम में लोगों की पानी की जरूरत कम होती है और वह अपने कुछ एक बर्तन भरकर बाकी पानी को नालियों में छोड़ देते हैं।
उल्लेनीय है कि मेवात जिला के अधिकांश जगहों भूमिगत जल खारा होने से पानी का गंभीर संकट बना रहता है। हालांकि, सरकार अरावली की तलहटी, रैनीवेल परियोजना, मुनक नहर परियोजना व तावडू आदि क्षेत्रों से भूमिगत पाइपों के जरिये पानी आपूर्ति कराई जा रही है। इसके बाजवूद जिला के कई क्षेत्रों में हर मौसम में पानी का संकट बना रहता है। गर्मियों में पानी को लेकर मारामारी बनी रहने से लोग सड़कों पर उतर आते हैं।
अधिकांश क्षेत्रों में भूमिगत जल खारा
अजीत वकील, खुर्शीद आकेडा, रामसिंह गंडूरी, एमएस खान, मास्टर अलाउदीन, हाजी हारून, राजेन्द्र राठोर, गोपाल पंडित, संजय मनोचा, सुरेन्द्र जैन, अंकित आदि का कहना है कि कहने को तो जलदाय विभाग जल संरक्षण को लेकर लोगों को समय-समय पर इसके प्रति जहां जागरूक कर रहा है वहीं रोजाना हजारों लीटर पानी बहाया जा रहा है। जिला के अधिकांश क्षेत्रों में भूमिगत जल खारा होने, कुंआ, पोखर, नहर, नाले, खाले आदि सूखे होने से यहां पेयजल संकट बना रहता है। इस बारे में जलदाय विभाग नूंह के उप मण्डल अभियंता हेमंत कुमार ने कहा कि उनके पास अभी तक ऐसी कोई शिकायत नहीं पहुंची है और साथ ही कहा कि शिकायत मिलने पर तुरंत समस्या का समाधान कराया जायेगा।