तरावड़ी, 6 जनवरी (निस)
शाम ढलने के बाद राइस मिलों द्वारा ईटीपी प्लांट का प्रयोग न करने से उनकी चिमनियों से उड़ने वाला कचरा व राख लोगों की आंखों के लिए खतरा बन गई हैं। इन शिकायतों के बाद भी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड चुप है। लोगों का आरोप है कि मिल मालिक व प्रदूषण नियंत्रण विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत के चलते लोगों की आंखों से खिलवाड़ किया जा रहा है।
लोगों का कहना है कि शाम ढलने के बाद अधिकतर राइस मिल मालिक अपना ईटीपी प्लांट बंद कर देते हैं। जिसके चलते आसपास का क्षेत्र पूरी तरह धूल के गुब्बार से सराबोर हो जाता है। तरावड़ी का कोई आदमी यदि जीटी रोड तक किसी काम से आता-जाता है तो उसकी आंखों में धूल व राख चली जाती है। जिसे निकलवाने के लिए डाक्टरों की जरूरत पड़ती है। नरेश कुमार, जय प्रकाश, दिनेश कुमार और संदीप कुमार का कहना है कि ज्यादातर लोगों को नजर का चश्मा लग चुका है और अब तो छोटे बच्चे भी आंखों की कमजोरी का शिकार हो रहे। लोग चाहते हैं कि मिल मालिक प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नियमों का पालन करें और बिना ईटीपी प्लांट चलाए धुएं को सीधे बाहर न छोड़ें।
‘जल्द होगी कार्रवाई’
प्रदूषण नियंत्रण के एक्सईएन शलेंद्र अरोड़ा ने बताया कि उनके पास इस बारे में शिकायतें आई हैं वे जल्द ही जांच करेंगे और नियम तोड़ने वालों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।