कुमार मुकेश/हप्र
हिसार, 29 अप्रैल
कोविड-19 के कारण अस्पतालों में उपचार के दौरान दम तोड़ रहे मरीजों को उनकी जन्मभूमि की मिट्टी भी नसीब नहीं हो रही और न ही सूर्यास्त से पहले संस्कार करने के नियम का पालन हो रहा है। दिल्ली के अस्पतालों में जगह न मिलने के कारण दिल्ली व आसपास के क्षेत्रों के मरीज हिसार विभिन्न अस्पतालों में अपना उपचार करवा रहे हैं। जब मरीजों की यहां पर मौत हो जाती है तो उनके परिजन शवों को दिल्ली ले जाने की बजाय हिसार में संस्कार करवा देते हैं। डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. जया गोयल ने बताया कि संस्कार के मामले में पिछले साल यह नियम था कि मरीज जहां का होगा, संस्कार भी वहीं पर ही होगा लेकिन अब सरकार ने मृतकों के परिजनों की मर्जी के अनुसार संस्कार करवाने का फैसला लिया है। इस कारण हिसार के अस्पतालों में मरने वाले कोरोना मरीजों का संस्कार हिसार में ही हो रहा है।
दिल्ली से भी आते हैं फोन
नगर पालिका कर्मचारी संघ के प्रधान एवं अंतिम संस्कार की टीम के इंचार्ज प्रवीण कुमार ने बताया कि हिसार में कोविड-19 से मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। मंगलवार को 17 (9 दिल्ली व आसपास के) शवों का, बुधवार को 21 शवों (8 दिल्ली व आसपास के) का संस्कार किया गया, वहीं बृहस्पतिवार को रात 8 बजे तक 24 शवों का संस्कार कर दिया गया जबकि तीन शव अभी वेटिंग में थे।
लोगों ने किया विरोध
अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट में लाये जाने वाले शवों की संख्या बढऩे के बाद ऋषि नगर स्थित श्मशान घाट के समीप रहने वाले निवासियों ने बृहस्पतिवार को श्मशान घाट के सामने विरोध किया और नए शेड बनाने के लिए लगाई गई ईंटों को उखाड़ दिया। बाद में नगर निगम अधिकारियों ने मौके पर जाकर उनको समझाया। उनकी मांग है कि कोविड-19 मरीजों के शवों का संस्कार शहर से बाहर खाली जगह में किया जाए।