झज्जर, 23 जून (हप्र)
निकाय चुनाव में इस बार चौंकाने वाले परिणाम हैं। जनता के भरोसे की बात की जाए तो इस बार जनता ने पुराने चेहरों में से केवल 5 पर अपना भरोसा जताया है। हांलाकि, इन पुराने चेहरों में केवल दो ही चेहरे ऐसे है, जो पिछली दफा नगरपरिषद में बतौर पार्षद चुनकर आए थे। लेकिन चार अन्य रहे पार्षदों ने इस बार स्वयं न चुनाव लड़कर या तो अपनी पत्नी या फिर अपनी पुत्रवधु को चुनावी समर में उतारा था। जिसमें उन्हें सफलता भी हासिल हुई। बता दें कि पिछली दफा झज्जर नगरपरिषद चुनाव में वार्ड नम्बर-6 से प्रवीण गर्ग पार्षद चुने गए थे। वह बाद मेें परिषद के उपाध्यक्ष भी रहे। लेकिन इस बार प्रवीण गर्ग का वार्ड महिला आरक्षित होने के चलते उन्हें अपनी पत्नी अंशुल गर्ग को चुनावी समर में उतारा था।
नामांकन वापसी तक उनके मुकाबले में किसी ने भी अपना नामांकन नहीं भरने के चलते उन्हें निर्विरोध घोषित कर दिया गया था। इस चुनाव में अंशुल गर्ग भाजपा प्रत्याशी के तौर पर चुनावी मैदान में उतरी थी। ऐसा ही मामला झज्जर के वार्ड 1 मेें देखने को मिला। यहां इस वार्ड में पिछली दफा महाबीर गुज्जर विजयी हुए थे। लेकिन इस बार उन्होंने अपनी पुत्रवधु ज्योति को चुनावी मैदान में उतारा था। ज्योति का इस वार्ड से जीत हासिल हुई है। वार्ड 3 में मीना रानी ने विजय हासिल की है। मीना राना पिछली बार भी इसी वार्ड से पार्षद थी। उन पर दोबारा से वार्ड की जनता ने भरोसा जताया है।
वार्ड 16-17 में दोहराया इितहास
वार्ड 16 व 17 में भी यही इतिहास दोहराया गया। यहां वार्ड-16 से पूर्व पार्षद किशोर सैनी व वार्ड 17 से टेक चंद गुज्जर पर वार्ड की जनता ने भरोसा जताया। यह दोनों पिछली दफा भी पार्षद रहे हैं। झज्जर के नगर परिषद चुनाव में भाजपा ने 19 वार्डों में से केवल आधा दर्जन सीटों पर जीत हासिल की है। बहादुरगढ़ के 31 वार्डों में 10 सीटों पर भाजपा ने कमल खिलाया है। झज्जर व बहादुरगढ़ दोनों ही स्थानों पर पूर्व सीएम हुड्डा के गढ़ में नगरपरिषद चुनाव में कमल खिला है। झज्जर से जिले सिंह व बहादुरगढ़ से सरोज राठी ने चुनावी मैदान मारा है और जीत हासिल की है।