Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

मोठूका गांव में प्रस्तावित वेस्ट-टू-चारकोल प्लांट के विरोध में लामबंद हुए ग्रामीण

जमीन सर्वे के लिए आयी नगर निगम की टीम बैरंग लौटी
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
featured-img featured-img
यमुना किनारे के गांव मोठूका में प्रस्तावित चारकोल प्लांट के मुख्य द्वार पर बृहस्पतिवार को ग्रामीण विरोध प्रदर्शन करते हुए। -निस
Advertisement

बल्लभगढ़, 24 अक्तूबर (निस)

प्रदेश में कचरे के निस्तारण के लिए केंद्र सरकार के सहयोग से राज्य में कचरे से चारकोल बनाने वाले दो प्लांट स्थापित किए जाएंगे। इन्हें ग्रीन कोल प्लांट भी कहा जाता है। एक प्लांट यमुना किनारे के मोठूका गांव में स्थापित किया जाएगा। मगर योजना के प्रस्तावित होते ही ग्रामीण इसके विरोध में लामबंद हो गए हैं। बृहस्पतिवार को नगर निगम की टीम गांव में जमीन सर्वे के लिए गई थी। इसकी भनक ग्रामीणों को लग गई। इस पर मोठूका सहित आसपास के गांवों के लोग प्लांट के प्रस्तावित स्थल पर एकत्रित हो गए और सर्वे नहीं होने दिया। ग्रामीणों ने विरोध स्वरूप नारेबाजी भी की।

Advertisement

केंद्रीय बिजली मंत्री मनोहर लाल, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और शहरी स्थानीय निकाय राज्यमंत्री की उपस्थिति में 20 जुलाई को एनटीपीसी विद्युत व्यापार निगम लिमिटेड तथा नगर निगम, गुड़गांव और फरीदाबाद के मध्य समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए थे। मोठूका में करीब 500 करोड़ रुपए की लागत से हरित कोयला प्लांट स्थापित किए जाएगा। इस प्लांट में फरीदाबाद शहर में एकत्रित 1500 टन प्रति दिन (टीपीडी) कचरे को चारकोल में बदला जाएगा। इस प्लांट के लिए 20 एकड़ जमीन दी जाएगी और एनटीपीसी द्वारा जल्द ही जमीन का कब्जा लेकर प्लांट स्थापित करने का कार्य आरंभ कर दिया जाएगा। प्लांट 30 माह में पूरा होने की संभावना है। यह प्लांट पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक पर आधारित होगा।

प्लांट के निर्माण के सिलसिले में बृहस्पतिवार को दोपहर करीब 12 बजे नगर निगम की टीम सर्वे के लिए प्लांट के प्रस्तावित स्थल पर पहुंची थी। टीम का नेतृत्व नगर निगम के एक्सईएन पदम भूषण कर रहे थे। उनके साथ विभाग के अधिकारियों के साथ पटवारी व भारी संख्या में पुलिस बल भी मौजूद था। अधिकारियों की टीम व पुलिस को देख ग्रामीण एकत्रित होने लगे। करीब एक घंटे में ही वहां पर सैकड़ों की संख्या में लोग एकत्रित हो गए और कहा कि किसी भी सूरत में यहां पर वेस्ट-टू-चारकोल प्लांट स्थापित नहीं होने दिया जाएगा। प्लांट उनके लिए व आने वाली पीढ़ी के लिए काफी खतरनाक सिद्ध होगा। गुडगांव जिले के बंधवाड़ी गांव में वेस्ट प्लांट लगा हुआ है, उसकी वजह से उसके आसपास 7-8 किलोमीटर तक के एरिया में दुर्गंध बनी रहती है। वहां के लोगों को सांस लेने में भी कठिनाई होती है। बंधवाडी में गुड़गांव-फरीदाबाद रोड पर निकलना भी लोगों को भारी हो जाता है।

अरूआ गांव के पूर्व सरपंच सुभाष भाटी, छांयसा गांव के सरपंच राजेश भाटी, नेत्रपाल, नानक चंद, सरपंच मोहन बंसल आदि ने कहा कि अगर यह प्लांट मोठूका में लग गया तो सभी का जीना दुश्वार हो जाएगा। करीब 4 घंटे तक चली मीटिंग में तय हुआ कि प्लांट का हर सूरत में विरोध किया जाएगा। ग्रामीणों का यह भी कहना है कि अगर उनकी मांग नहीं मानी गई, तो फिर धरना शुरू किया जाएगा। उधर, ग्रामीणों के विरोध को देखते हुए नगर निगम का दस्ता बिना सर्वे किए ही वापस लौट गया।

Advertisement
×