गांव वालों ने दी पूर्व मंत्री पर आरोप लगाने वाले परिवार के खिलाफ शिकायत
गांव बहबलपुर जमीन विवाद में नया मोड़
अम्बाला शहर, 22 अप्रैल (हप्र)
अम्बाला शहर के एक गांव बहबलपुर में एक परिवार द्वारा पूर्व मंत्री असीम गोयल पर सत्ता के गलत इस्तेमाल का आरोप लगाते हुए राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु या फिर न्याय दिलाने के लिए परिवार द्वारा लिखे गए पत्र मामले में नया मोड़ आ गया है। एक ओर ग्राम पंचायत ने संबंधित की शिकायत उपायुक्त को सौंप कर कार्रवाई करने की मांग की है, वहीं पूर्व मंत्री ने कहा कि उनका इस मामले से कोई लेना-देना ही नहीं है, कुछ राजनीतिक षडयंत्र करके उनकी छवि को खराब करना चाहते हैं।
इस मामले को लेकर बहबलपुर गांव के मौजूदा सरपंच प्रतिनिधि किरपाल सिंह ने मीडिया के सामने असीम गोयल पर आरोप लगाने वाले व्यक्तियों पर बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर भवन पर कब्जा करने के आरोप लगाए। सरपंच प्रतिनिधि ने कहा कि गांव में बने अंबेडकर भवन को लेकर ये लोग बीते लगभग 15 वर्षों से अड़चनें लगा रहे हैं। पिछले कई सरपंचों के कार्यकाल में भी इन लोगों ने यही काम किये हैं।
सरपंच प्रतिनिधि ने बताया कि इस मामले को लेकर अब पूरे गांव ने डीसी अंबाला को भी एक पत्र लिखकर मामले की वास्तविकता बताई है और इन लोगों पर एक्शन लेने की गुहार लगाई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि पूर्व राज्यमंत्री असीम गोयल का मामले से कोई संबंध नहीं।
दरअसल अंबाला शहर के गांव बहबलपुर में एक जमीनी विवाद चल रहा है। परिवार और पंचायत इसमें आमने-सामने हैं। परिवार का आरोप है कि इसमें असीम गोयल का दखल हो रहा है और उन पर कई मुकदमे दर्ज करवा दिए गए। परिवार के सदस्य दलजीत की मानें तो उनकी गांव में एक जमीन है। काफी समय से पंचायत और सरपंच इसके पीछे पड़ा हुआ है।
उसका दावा है कि वह कोर्ट से भी केस 2011 में जीत चुके हैं, इसके बावजूद पंचायत के लोग उनको परेशान कर रहे हैं। पंचायत के लोग उनसे जमीन छीनने के प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि वह अभी हाल ही में इस जमीन पर स्टे लेकर आए हैं, लेकिन कोई इस स्टे को मानने के लिए तैयार नहीं है।
कुछ राजनीतिक कर रहे षडयंत्र : असीम गोयल
गांव बहबलपुर के तीन लोगों द्वारा लगाए गये आरोपों के मामले में पूर्व मंत्री असीम गोयल ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए इस मामले को अपने विरुद्ध राजनीतिक षडयंत्र करार दिया। उन्होंने कहा कि यह गांव की पंचायत और 3 लोगों का आपसी मामला है, जो कि गांव में बने अंबेडकर भवन से जुड़ा है। यह कुछ ऐसे राजनीतिक लोगों का षड्यंत्र है, जो सामने से नहीं लड़ सकते। उन्होंने कहा कि इस मामले से उनका दूर-दूर तक कोई लेना-देना नहीं।