Tribune
PT
About Us Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

Village Polad : मर जाएंगे पर गांव खाली नहीं करेंगे... पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग का 206 घरों को नोटिस, चिंता में आंगनवाड़ी वर्कर की मौत 

ग्रामीणों का कहना है कि वे भारत-पाकिस्तान विभाजन के समय यहां बसे थे
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
Advertisement
सीवन 18 मई (बहादुर सैनी)

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा एक बार फिर जिले के ऐतिहासिक गांव पोलड़ को खाली करने के नोटिस दिए जाने के बाद तनाव का माहौल बन गया है। विभाग ने गांव के 206 घरों को नोटिस भेजकर जल्द मकान खाली करने के निर्देश दिए हैं। हालांकि गांव के लोगों ने नोटिस लेने से मना कर दिया है। इसी टेंशन में गांव की एक आंगनवाड़ी वर्कर महिला की मौत हो गई।

Advertisement

मृतक महिला की पहचान गुरमीत कौर के रूप में हुई है। परिजनों के अनुसार जब उन्हें मकान खाली करने का नोटिस का पता चला, तब से वे काफी परेशान थीं। उन्हें हार्ट अटैक आया और उन्होंने दम तोड़ दिया। ग्रामीणों का कहना है कि वे भारत-पाकिस्तान विभाजन के समय यहां बसे थे। तभी से गांव में रह रहे हैं। अब तक गांव में पुरातत्व विभाग द्वारा तीन बार खुदाई की जा चुकी है, पर कोई ऐतिहासिक अवशेष नहीं मिले। इसके बावजूद उन्हें बेघर करने के प्रयास किए जा रहे हैं, जिसे वे अन्यायपूर्ण मानते हैं।

गांववासियों ने रविवार को गुहला से कांग्रेस विधायक देवेंद्र हंस को ज्ञापन सौंपते हुए आग्रह किया कि गांव को खाली कराने के आदेशों को रद्द करवाया जाए। ग्रामीणों ने स्पष्ट किया कि वे अपने घर किसी भी हालत में नहीं छोड़ेंगे। यह हमारी पूर्वजों की धरोहर है। हम यहां से हटेंगे नहीं, चाहे कुछ भी हो जाए। गांववासियों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांग नहीं मानी गई, तो वे कानूनी और लोकतांत्रिक तरीके से संघर्ष करेंगे। प्रदर्शन, धरना और न्यायालय तक जाने की योजना बनाई जा रही है। ग्रामीणों का कहना है कि सरकार यदि वाकई संरक्षण चाहती है, तो पहले उन्हें बसाने की योजना पेश करे।

पुरातत्व विभाग करवा चुका है खुदाई, कोर्ट में दायर की थी याचिका
गांव पोलड़ की जमीन को ऐतिहासिक घोषित करते हुए पुरातत्व विभाग ने पूर्व में कई बार खुदाई करवाई है। विभाग का कहना है कि यहां अति प्राचीन व दुर्लभ वस्तुएं मिल सकती हैं, इसलिए संरक्षित किया जाना जरूरी है। कोर्ट में विभाग की याचिका के बाद ही गांव को खाली करने की प्रक्रिया शुरू की गई है।
Advertisement
×