कुमार मुकेश/हप्र
हिसार, 7 जून
दवा घोटाले का अारोप लगाने पर हिसार के तत्कालीन सांसद दुष्यंत चौटाला (मौजूदा उपमुख्यमंत्री) को नशेड़ी बताने के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के बयान के खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि के मामले में अब दोनों के बीच समझौता हो गया है। उप मुख्यमंत्री दुष्यंत के वकीलों ने सोमवार को समझौता होने के बारे में कोर्ट को बताया, जिसके बाद केस खारिज कर दिया गया।
मामले के अनुसार 18 मार्च, 2018 को सांसद दुष्यंत चौटाला ने स्वास्थ्य विभाग में करोड़ों रुपये की दवा एवं उपकरण की खरीद के मामले में प्रेस कान्फ्रेंस कर घोटाले का आरोप लगाया था। इसके बाद स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने 3 अप्रैल, 2018 को दुष्यंत चौटाला को पत्रकार वार्ता में नशेड़ी बताते हुए उनको किसी नशामुक्ति केंद्र से अपना इलाज करवाने की सलाह दी थी। दुष्यंत ने स्वास्थ्य मंत्री को नोटिस जारी कर सार्वजनिक रूप से माफी मांगने को कहा था। विज की ओर से इसका कोई जवाब नहीं आने पर उन्हाेंने 7 जुलाई, 2018 को अदालत में मामला दायर किया था। इसके करीब 15 माह बाद दुष्यंत भाजपा-जजपा सरकार में उपमुख्यमंत्री और विज स्वास्थ्य मंत्री के साथ-साथ गृह मंत्री भी बन गये थे।
6 गवाह दर्ज करवा चुके थे बयान
इस केस में दुष्यंत चौटाला समेत 6 गवाहों के बयान दर्ज किये जा चुके थे। दुष्यंत ने 14 अगस्त, 2018 को न्यायिक दंडाधिकारी रिचू की अदालत में गवाही दर्ज करवाई। इसके बाद मामला मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी निधि बंसल के पास गया, जहां 15 सितंबर, 2018 से 11 फरवरी, 2019 तक 5 गवाहों के बयान हुए। इसके बाद अनिल विज को समन जारी किया जाए या नहीं, इस पर बहस के लिए अदालत में 24 बार सुनवाई हुई, लेकिन किसी न किसी कारण बहस को टाल दिया गया।