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विज को पसंद आया था बंगला नंबर-32, सरकार ने पंवार को कर दिया अलॉट

पहली बार सरकारी मकान लेने का बनाया था मन, उस पर भी सरकार ने फेर दिया पानी
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चंडीगढ़ के सेक्टर-3 स्थित कोठी नंबर-32, जिसे अनिल विज ने पसंद किया था।
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दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
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चंडीगढ़, 6 नवंबर

हरियाणा के बिजली, परिवहन व श्रम मंत्री अनिल विज के ‘सपनों’ पर अब नायब सरकार ने भी पानी फेर दिया है। मनोहर सरकार के दोनों कार्यकाल में हेवीवेट मंत्री रहे अनिल विज ने चंडीगढ़ में सरकारी आवास नहीं लिया था। इस बार उन्होंने चंडीगढ़ में घर लेने का मन बनाया था, लेकिन सरकार ने उनकी पसंद की कोठी पहले ही विकास एवं पंचायत मंत्री कृष्ण लाल पंवार को अलॉट कर दी है।
अनिल विज ने चंडीगढ़ के सेक्टर-3 स्थित कोठी नंबर-32 को पसंद किया था। बताते हैं कि विज ने अपने निजी स्टॉफ को बुधवार को इस कोठी का मुआयना करवाने को भी कह दिया था, लेकिन इससे पहले ही कोठी पंवार को अलॉट होने की वजह से अब वे शायद ही इस कोठी को देखने जाएं। यहां बता दें कि कोठी नंबर-32 सरकार में सबसे वरिष्ठ मंत्रियों को ही अलॉट की जाती रही है। मनोहर सरकार के पहले कार्यकाल में शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा इस कोठी में रहा करते थे। वहीं मनोहर लाल के दूसरे कार्यकाल में बिजली व जेल मंत्री रणजीत सिंह के पास यह कोठी रही। ज्वाइंट पंजाब के समय इस कोठी में मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। नायब सरकार में प्रोटोकॉल के हिसाब से अनिल विज सबसे वरिष्ठ मंत्री हैं। वे भाजपा के अकेले ऐसे नेता हैं, जो सात बार के विधायक हैं। माना जा रहा है कि 32 नंबर कोठी अलॉट होने के बाद अब विज सरकारी मकान शायद ही लेंगे। बताते हैं कि वे अपनी पसंद को लेकर संबंधित अधिकारियों को अवगत भी करवा चुके थे। कृष्ण लाल पंवार प्रोटोकॉल में तीसरे नंबर के मंत्री हैं। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के बाद कैबिनेट मंत्री अनिल विज और फिर कृष्ण लाल पंवार ने पद एवं गोपनीयता की शपथ हासिल की थी। विधानसभा अध्यक्ष हरविंद्र सिंह कल्याण को सेक्टर-2 की कोठी नंबर 48 अलॉट की गई है। मनोहर सरकार के दूसरे कार्यकाल में डिप्टी सीएम रहे दुष्यंत सिंह चौटाला के पास यह कोठी थी। वहीं पहले पार्ट में वित्त मंत्री होते हुए कैप्टन अभिमन्यु इस कोठी में रहा करते थे।

सचिवालय में भी काम शुरू

सचिवालय में भी मंत्रियों के दफ्तरों में मरम्मत का काम शुरू हो चुका है। पीडब्ल्यूडी व पब्लिक हेल्थ मंत्री रणबीर सिंह गंगवा का दफ्तर सेक्टर-8 की आठवीं मंजिल पर है, जहां कुछ तोड़फोड़ की गई है। इसके अलावा, विपुल गोयल के दफ्तर में भी मरम्मत का काम चल रहा है।

श्रुति चौधरी को मिली पसंदीदा कोठी

जनस्वास्थ्य मंत्री श्रुति चौधरी को उनकी पसंद की कोठी मिल गई है। उन्हें सेक्टर-7 की कोठी नंबर-72 दी गई है, जो पहले उनकी मां और राज्यसभा सांसद किरण चौधरी के पास थी। यह कोठी श्रुति के लिए विशेष महत्व रखती है, क्योंकि उनके लिए यह उनका घर था और अब वह फिर से उसी घर में रहेंगी।

 विधायकों को भी मिलेंगे फ्लैट्स

सरकारी फ्लैट्स की अलॉटमेंट का जिम्मा विधानसभा अध्यक्ष हरविंद्र सिंह कल्याण के पास होगा। स्पीकर कोटे से कुछ फ्लैट्स अलॉट किए जाएंगे, जबकि बाकी फ्लैट्स विधायकों को ड्रा के माध्यम से मिलेंगे। यदि कोई विधायक पहले से फ्लैट में रह रहे हैं और उसी फ्लैट में रहना चाहते हैं, तो वे स्पीकर से इसके लिए लिखित आवेदन कर सकते हैं।

कैबिनेट मंत्रियों को अलॉट की गईं कोठियां

नायब सरकार ने बाकी कैबिनेट मंत्रियों के लिए भी सरकारी आवासों का चयन किया। विधानसभा अध्यक्ष हरविंद्र सिंह कल्याण को सेक्टर-2 की कोठी नंबर-48 दी गई है, जो पहले डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के पास थी। वहीं, पूर्व स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता की कोठी को अब महीपाल ढांडा को अलॉट किया गया है। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री विपुल गोयल को सेक्टर-7 की कोठी नंबर-68 दी गई है, जबकि स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव को सेक्टर-7 की कोठी नंबर-82 अलॉट की गई है। वहीं, उद्योग मंत्री राव नरबीर सिंह को सेक्टर-5 की कोठी नंबर-52 और डिप्टी स्पीकर डॉ. कृष्ण लाल मिड्ढा को सेक्टर-16 की कोठी नंबर-239 दी गई है।

कोठियों में बदलाव और मरम्मत

नायब सरकार के नये मंत्रियों को अलॉट की गईं कोठियों में जल्द ही बदलाव होंगे। कई मंत्रियों ने अपनी कोठियों में सुधार के लिए काम शुरू करवा दिए हैं। पीडब्ल्यूडी  ने इन बदलावों के लिए पहले से ही तैयारी कर ली है। कई कोठियों में तोड़-फोड़ की जाएगी, ताकि मंत्रियों की व्यक्तिगत पसंद और वास्तु के हिसाब से उन्हें तैयार किया जा सके।
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