दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 4 मार्च
हरियाणा के गृह व स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने अपना ‘वर्किंग स्टाइल’ बदल दिया है। अपने अधीन आने वाले सभी विभागों की वे अब समीक्षा करेंगे। उन्होंने रोजाना दो घंटे विभागवार बैठकों के लिए तय किए हैं। अब वे दोपहर 3 बजे से लेकर शाम को पांच बजे तक मैराथन बैठकें लेंगे। इतना ही नहीं, विज ने विभागों में कई तरह के बड़े बदलाव करने का भी मन बनाया है।
हरियाणा में विज अकेले ऐसे मंत्री हैं, जिन्होंने चंडीगढ़ में सरकारी कोठी नहीं ली है। वे अम्बाला कैंट स्थित अपने निजी मकान से ही चंडीगढ़ आते-जाते हैं। मीडिया फ्रेंडली विज अपने बेबाक ओर बोल्ड फैसलों के लिए जाने जाते हैं। प्रदेश में उनकी अलग ही ‘इमेज’ है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अम्बाला कैंट में लगने वाले उनके ‘जनता दरबार’ में हजारों लोग फरियाद लेकर पहुंचते हैं। सैकड़ों लोग तो सुबह-सवेरे रोजाना अम्बाला के सदर बाजार में उनसे मुलाकात करते हैं, जहां समर्थकों के साथ बैठकर वे चाय की चुस्िकयां लेते हैं। वे कोरोना संक्रमण की वजह से लगभग डेढ़ महीने तक चंडीगढ़ नहीं आए। हालांकि इस दौरान भी वे ऑनलाइन एक्टिव रहे और घर से भी फाइलें निपटाई। विज अब नियमित रूप से सचिवालय पहुंच रहे हैं। दोपहर ढाई से तीन बजे के करीब वे सचिवालय पहुंचने के बाद मीडिया से मुखातिब हुआ करते थे। अब उन्होंने यह शैड्यूल बदल दिया है। मीडिया को अगर उनसे मुलाकात करनी है तो 5 बजे के बाद ही हो पाएगी। इससे पहले वे बैठकों में व्यस्त रहेंगे। सूत्रों का कहना है कि विज ने अपने निजी स्टाफ को सभी विभागों का पूरा ‘रिपोर्ट कार्ड’ तैयार करने को कह दिया है। अब विभागवार एक-एक मुद्दे पर वे बैठक करेंगे। पूरे विभाग की एक ही बार में बैठक करने से अच्छे नतीजे नहीं आ रहे थे। ऐसे में पूरी लिस्ट तैयार हो रही है ताकि एक-एक मुद्दे पर अलग से बैठक करके उसका हल निकाला जा सके। इसी तरह का फार्मूला उन्होंने अम्बाला जिले और अपने निर्वाचन क्षेत्र अम्बाला कैंट में प्रस्तावित व चल रहे विकास कार्यों को लेकर भी अपनाया है।
विगत दिवस अम्बाला कैंट में उन्होंने जिला प्रशासन, नगर परिषद, हार्टिकल्चर सहित कई विभागों की बैठक में केवल नेताजी सुभाष पार्क पर ही फोकस किया। अम्बाला कैंट में ही बन रहे शहीदी स्मारक की तरह ही यह पार्क भी विज का ‘ड्रीम प्रोजेक्ट’ है।
मेडिकल कॉलेज पर रहेगा फोकस
प्रदेश के सभी जिलों में मेडिकल कॉलेज की स्थापना विज का ड्रीम प्रोजेक्ट है। इस कड़ी में वे छह जिलों में कॉलेज की मंजूरी दिलवा भी चुके हैं। बताते हैं कि अब विभाग से पूरी रिपोर्ट मंगवा ली है। वहीं सभी प्रकार की इमरजेंसी सेवाओं को ‘डायल-112’ के साथ कनेक्ट करने की मुहिम पर भी विज काफी गंभीर हैं। वे इस मुद्दे पर कई बार गृह व पुलिस के आला अफसरों के साथ बैठक कर चुके हैं। शहरी स्थानीय निकाय के अधीन आने वाले नगर निगमों, नगर परिषदों व नगर पालिकाओं की विकास परियोजनाओं को लेकर भी उन्होंने विभाग के आला अफसरों को विकास खाका तैयार करने को कहा है। इस बीच विज ने बृहस्पतिवार को बजट सत्र को लेकर कई विभागों के आला अधिकारियों के साथ बैठकें की। विपक्ष की ओर से उठाए जाने वाले मुद्दों के अलावा उनके सवालों के जवाब को लेकर विज ने रिपोर्ट तलब की। कानून व्यवस्था व गृह विभाग से जुड़े मुद्दों को लेकर गृह विभाग के एसीएस राजीव अरोड़ा विज के दफ्तर में पहुंचे। उनके साथ डीजीपी मनोज यादव, डीजीपी (क्राइम) मोहम्मद अकील, एडीजीपी (लॉ एंड आर्डर) नवदीप सिंह विर्क भी मौजूद रहे।