चंडीगढ़, 24 जून (ट्रिन्यू)
फरीदाबाद नगर निगम में हुए सैकड़ों करोड़ रुपये के घोटाले में अब कई बड़े अधिकारी भी चपेट में आ सकते हैं। स्टेट विजिलेंस ब्यूरो इस पूरे मामले की जांच कर रहा है। विजिलेंस ब्यूरो ने कुछ बड़े अधिकारियों पर कार्रवाई करने के लिए प्रदेश सरकार से अनुमति मांगी है। नियमों के तहत सरकार ही इन अधिकारियों के खिलाफ 17ए के तहत कार्रवाई करने की अनुमति देगी। इसके बाद ही विजिलेंस ब्यूरो अपना अगला एक्शन लेगा। करीब 200 करोड़ रुपये का यह घोटाला विधानसभा में भी कई बार उठ चुका है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने ही इस मामले की जांच के आदेश दिए थे। दरअसल, निगम ने ठेकेदारों को करोड़ों रुपयों का भुगतान उन कार्यों के लिए कर दिया, जो ग्राउंड पर कभी हुए ही नहीं। यानी बिना विकास कार्यों के ही बिल बन भी गए और उन्हें पास भी कर दिया गया। प्रारंभिक जांच में ही यह स्पष्ट हो गया था कि इस मामले में गड़बड़ हुई है। बेशक, विजिलेंस की जांच के बाद कुछ अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ केस दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार भी किया जा चुका है।
एनआईटी से कांग्रेस विधायक नीरज शर्मा इस मुद्दे को लगातार उठाते आ रहे हैं। उनके गंभीर आरोपों के बाद ही सरकार ने पूरा मामला स्टेट विजिलेंस ब्यूरो को सौंपा। ब्यूरो से जुड़े सूत्रों के अनुसार, इस कथित घोटाले में संलिप्तता के आरोपों के चलते कुछ आईएएस व एचसीएस अधिकारियों पर भी कार्रवाई हो सकती है। ऐसे ही अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने से पहले सरकार से परमिशन के लिए विजिलेंस ब्यूरो ने सरकार को पत्र लिखा है। मालूम हो, बार-बार मुद्दा उठाने के बाद भी सरकार ने घोटाले को गंभीरता से नहीं लिया तो बजट सत्र के दौरान विधायक नीरज शर्मा ने कपड़े व जूते पहनने का त्याग कर दिया था। उन्होंने प्रण लिया था कि जब तक मामले में गिरफ्तारी नहीं होती, वे धोती ही पहनेंगे। जब विजिलेंस ने केस दर्ज करके अधिकारियों को गिरफ्तार किया तो नीरज शर्मा ने अपना प्रण तोड़ा। निगम के मुख्य अभियंता दौलतराम भास्कर के बाद अब दूसरे मुख्य अभियंता रमन शर्मा एवं जेई दीपक को विजिलेंस गिरफ्तार कर चुकी है, विधायक का कहना है कि सिर्फ इन्हें पकड़कर भ्रष्टाचार खत्म नहीं होगा।
‘भ्रष्टाचार में लिप्त बड़े मगरमच्छ करने होंगे काबू’
विधायक नीरज शर्मा का कहना है कि भ्रष्टाचार की जड़ों तक पहुंचकर बड़े मगरमच्छ काबू करने होंगे। शर्मा ने कहा कि स्टेट विजिलेंस ने सरकार से 17ए की अनुमति मांगी हुई है। सरकार जल्द से जल्द अनुमति दे ताकि बड़े मगरमच्छों को काबू किया जा सके। उन्होंने कहा, यह पैसा जनता का पैसा है। इसे मिलीभगत करके अधिकारी व ठेकेदार हजम कर गए। फरीदाबाद में पहली बार ऐसा हुआ है कि बरसाती पानी के जल भराव की समस्या के लिए पुलिस की ड्यूटी लगानी पड़ी। नीरज ने कहा, जितना भ्रष्टाचार फरीदाबाद नगर निगम में है, उतना किसी और निगम में नहीं। अगर सरकार पूरी गंभीरता से जांच करेगी तो घोटाला 200 करोड़ से कहीं अधिक का होगा।