नारनौल, 19 जुलाई (हप्र)
‘पोस्ट कोनी छोड़ा साहब जी, म्हारे रेवाड़ी में न्यू कहा करें कि कब्जा साचा झगड़ा झूठा। अपनी जान दे देंगे परंतु पीठ नहीं दिखाएंगे, खून की आखिरी बूंद तक डटे रहेंगे’। स्थानीय सभागार में आयोजित रेजांगला नाटक में भारतीय सैनिक का रोल कर रहे पात्र ने यह डायलॉग बोला तो सभा में भारत माता की जय के नारे लगने लगे। आजादी के अमृत महोत्सव के तहत हुए इस कार्यक्रम में उपायुक्त डा. जयकृष्ण आभीर मुख्य अतिथि थे। नाटक की शुरुआत में रेजांगला की बर्फीली पहाड़ी में सैनिक दिवाली मना रहे हैं। उसी वक्त चीनी फौज हमला कर देती है और हमारे सैनिक उन्हें ढेर कर देते हैं। अगली रात भारी संख्या में चीनी फौज आधुनिक हथियारों के साथ पहुंचती है। हमारे सैनिक संख्या में उनसे 10 गुना कम होते हुए भी उनसे भिड़ जाते हैं और अपना सर्वोच्च बलिदान इस तिरंगे के लिए कर देते हैं लेकिन पोस्ट से पीछे नहीं हटते। नाटक के अंत में देश भक्ति गीत ‘जो शहीद हुए हैं उनकी जऱा याद करो कुर्बानी’ ने सभागार में मौजूद दर्शकों को भावुक कर दिया। मरणोपरांत परमवीर चक्र से सम्मानित मेजर शैतान सिंह के साथी रहे हवलदार गजे सिंह ने इस नाटक का मंचन देखा तो वे पुरानी यादों में खो गए। उन्होंने बताया कि युवा पीढ़ी को इस प्रकार के नाटकों के जरिए शहीदों के बारे में बताया जाना चाहिए।
डीसी ने कहा कि थोड़ी सी संख्या होते हुए भी बहादुरी से लड़ते हुए हमारे सैनिकों ने तिरंगे की शान को कायम रखा है।