यमुनानगर, 2 जून (हप्र)
पिछले दिनों करनाल में पकड़े गए आतंकवादियों ने जिस गाड़ी का इस्तेमाल किया था, वह फर्जी रजिस्ट्रेशन की गाड़ी थी। उसका फर्जी रजिस्ट्रेशन भी यमुनानगर के उसी फर्जी आरसी घोटाले का हिस्सा है, जिसमें एक हजार के लगभग रजिस्ट्रेशन किये गए थे। यमुनानगर के सीआईए ने नितिन शर्मा को गिरफ्तार किया है। पूछताछ में नितिन शर्मा ने बताया कि उसने 70 गाड़ियों का फर्जी रजिस्ट्रेशन करवाया था। नितिन शर्मा अंबाला के साहा का रहने वाला है। उसने दिल्ली के पवन नामक व्यक्ति से 13 गाड़ियां ली थीं। उनमें से 7 गाड़ियां जम्मू के रामनारायण जलवा को दी थीं। जलवा ने यह गाड़ियां आतंकवादियों को दी थीं, जो पंजाब से हरियाणा के रास्ते गाड़ियों में हथियार रख कर कहीं ले जा रहे थे, जिन्हें करनाल पुलिस ने पकड़ा था।
यमुनानगर के डीएसपी आशीष चौधरी ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि जम्मू कश्मीर में रामनारायण जलवा को पकड़ा गया, जिसने पूछताछ में जानकारी दी थी। उसके आधार पर नितिन को गिरफ्तार किया गया। वहां से करनाल पुलिस उसे प्रोडक्शन वारंट पर लाई। यमुनानगर पुलिस भी उसे उपचार के लिए प्रोडक्शन वारंट पर लाई है।
आशीष चौधरी ने बताया कि पूछताछ में अभी तक यह पता चला है कि 2019 से लेकर 2022 तक 906 गाड़ियों के बिलासपुर व जगाधरी में फर्जी रजिस्ट्रेशन किए गए। इन फर्जी रजिस्ट्रेशन के लिए नितिन लोकल एड्रेस के कागजात उपलब्ध करवाता था। इस संबंध में पहले ही रजिस्ट्रेशन कार्यालय के अमित व सुनील चितकारा को गिरफ्तार किया जा चुका है।
फर्जी आरसी घोटाले के तार काफी दूर-दूर तक जुड़े हुए हैं। यह लोग मिलिटरी की गाड़ियां ऑक्शन में लेकर उनकी गाड़ियों के इंजन नंबर बदलकर उसकी जगाधरी में आरसी बनाते थे। इसके लिए एनओसी की जरूरत नहीं होती और टैक्स भी कम भरना पड़ता है। इससे सरकार को भी करोड़ों का चूना लगा है। अब इसमें देखना होगा और किन-किन लोगों की गिरफ्तारियां होती हैं।