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विभिन्न संगठनों ने जताया रोष, उच्च स्तरीय जांच की मांग

40 साल से काबिज परिवार का घर तोड़ने व आग लगाने का मामला
अटेली मंडी में अपने उजड़े घर व जले बर्तनों को दिखाता पीड़ित परिवार । -निस
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मंडी अटेली, 18 जून (निस)

अटेली खंड के गांव महासर में बीपीएल दलित परिवार के 40 साल से काबिज घर को पंचायत व प्रशासन द्वारा तोड़ने व आग लगाने के मामले में सर्व अनुसूचित जाति संघर्ष समिति के प्रधान चन्दन सिंह जालवान, महासचिव बिरदी चंद गोठवाल, अखिल भारतीय आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति के उपाध्यक्ष लाला राम नाहर, प्रदेश लेखा परीक्षक रामकुमार ढैणवाल, संघर्ष समिति अटेली के प्रधान प्रभु दयाल, कोषाध्यक्ष दयानंद सांवरिया व भारतीय सामाजिक परिवर्तन संघ के सुमेर सिंह गोठवाल ने मंगलवार को गांव महासर में पहुंचकर मौका निरीक्षण किया और पीड़िता शीलावंती पत्नी महेंद्र की गुहार सुनीं। मौके पर पीड़ित की दर्द भरी दास्तां सुनकर और वहां का नजारा देखकर सभी अचंभित रह गये कि इस चिलचिलाती धूप व 46 डिग्री से अधिक तापमान में खुले आसमान के नीचे पीड़ित परिवार की महिलाएं व बच्चे रहने को मजबूर हैं। खाने पीने के लिए सभी गांव के रहमो-करम पर निर्भर हैं।

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इस मामले में कड़ा संज्ञान लेते हुए विभिन्न संगठनों द्वारा संयुक्त हस्ताक्षरित पत्र राष्ट्रपति, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग, राष्ट्रीय महिला आयोग, मुख्यमंत्री, पंचायत विभाग के अतिरिक्त सचिव व उपायुक्त को भेजकर मांग की है कि इस दर्दनाक घटना की उच्च स्तरीय जांच की जाए। पीड़ित परिवार को प्लाट मुहैया करवा कर सरकार की आवासीय योजना से मकान पक्का बनवाया जाए और इसके साथ ही आग से जलकर राख हुए कपड़ा, बिस्तर व अन्य समस्त सामान की भरपाई के लिए सरकार द्वारा उचित मुआवजा भी दिया जाए। संघर्ष समिति के महासचिव एवं कबीर सामाजिक उत्थान संस्था दिल्ली के प्रमुख सलाहकार बिरदी चंद गोठवाल ने बताया कि पीड़ित परिवार गांव महासर के मूल निवासी है और इनके पास अन्य रिहायश के लिए कोई प्लाट नहीं है। इसी प्लाट के आधार पर पीड़ित के पास बिजली कनेक्शन, आधार कार्ड, वोटर कार्ड व अन्य सभी दस्तावेज हैं।

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