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आत्मबल, अनुशासन और त्याग की भावना जगी ‘वंदे मातरम’ से : नायब सैनी

अम्बाला में हुआ वंदे मातरम का राज्य स्तरीय स्मरण उत्सव
अंबाला में समारोह के दौरान मुख्यमंत्री नायब सैनी।
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हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि वंदे मातरम केवल एक गीत नहीं, बल्कि यह भारत की आत्मा, धडकऩ और पहचान है। यह भारत के स्वराज्य आंदोलन की चेतना का उदगार है। इस गीत ने गुलामी की बेडिय़ों में जकड़े भारतवासियों में आत्मबल, अनुशासन और त्याग की भावना जगाई थी।

यह उद्गार हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने व्यक्त किए। वह आज अम्बाला में वंदे मातरम के 150 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में उपस्थित जनसमूह को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर नई दिल्ली में वंदे मातरम के 150 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में आयोजित मुख्य उद्घाटन समारोह का सीधा प्रसारण भी दिखाया गया। इससे पहले मुख्यमंत्री सैनी ने प्रदेश वासियों को वंदे मातरम गीत के 150 वर्ष पूरे होने पर बधाई देते हुए उपस्थित जनसमूह को स्वदेशी संकल्प भी दिलाया, साथ ही सूचना जनसंपर्क एवं भाषा विभाग द्वारा वंदे मातरम् की गौरव गाथा को प्रदर्शित करने वाली लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि यह गीत वह दिव्य शक्ति है जिसने ब्रिटिश साम्राज्य को हिला दिया था और युवाओं के भीतर क्रांति की ज्योति प्रज्वलित की। भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु, चंद्रशेखर आजाद जैसे असंख्य वीरों ने इस गीत को गाते हुए प्राणों की आहुति दी। लाखों स्वतंत्रता सेनानियों ने जेल की यातनाएं सहते हुए वंदे मातरम का जयघोष किया और आज़ादी का कारवां आगे बढ़ता गया। वंदे मातरम, इंकलाब जिंदाबाद और जय हिंद के नारों ने अंग्रेज़ी हुकूमत को झकझोर दिया और आखिरकार 15 अगस्त 1947 को भारत आजाद हुआ। इसकी शक्ति इतनी प्रबल थी कि ब्रिटिश सरकार ने इसके गायन पर प्रतिबंध लगा दिया। इस गीत ने भारत के हर वर्ग, हर धर्म और हर क्षेत्र के लोगों को एक सूत्र में बांधकर आजादी के आंदोलन को गति दी। स्वतंत्रता के बाद भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद ने वर्ष 1950 में वंदे मातरम को राष्ट्रगीत का दर्जा प्रदान किया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने वंदे मातरम की रचना से लेकर इसके गायन और विरोध के इतिहास के बारे विस्तार से जानकारी दी और उन लोगों को आड़े हाथों लिया जो वंदे मातरम पर आपत्ति करते है। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग भारत की संस्कृति, आत्मा और राष्ट्रीय गर्व को नहीं समझते। उन्होंने कहा कि आज भी वंदे मातरम की भावना उतनी ही प्रासंगिक है जितनी स्वतंत्रता आंदोलन के समय थी। देश की एकता और अखंडता बनाए रखने के लिए हमें वंदे मातरम की ज्योति सदैव प्रज्वलित रखनी है।

इस मौके पर उपायुक्त अजय सिंह तोमर, सूचनाए जनसंपर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग की अतिरिक्त निदेशक प्रशासन वर्षा खांगवाल, नगर निगम कमिश्नर विरेन्द्र सिंह लाठर, पुलिस अधीक्षक अजीत सिंह शेखावत, कार्यक्रम संयोजक प्रो मदन लाल गोयल, विधानसभा संयोजक रितेश गोयल, भाजपा जिला अध्यक्ष मनदीप राणा, राज्य सूचना आयुक्त नीता खेड़ा, प्रदेश उपाध्यक्ष बंतो कटारिया, जिला परिषद् के चेयरमैन मक्खन सिंह लबाना,मार्किट कमेटी के चेयरमैन जसमेर राणा सहित भाजपा के वरिष्ठ नेता और अधिकारी मौजूद रहे।

 

 

 

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