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जिला स्तर पर मनेगी वाल्मीकि जयंती, ‘शहीदी दिवस’ पर होंगे भव्य आयोजन

संत परंपरा और शौर्य का सम्मान
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हरियाणा सरकार ने सामाजिक समरसता और शहीदों के बलिदान को नई पीढ़ी तक पहुंचाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने निर्णय लिया है कि इस वर्ष महर्षि वाल्मीकि जयंती जिला स्तर पर मनाई जाएगी। इसके लिए राज्य के सभी उपायुक्तों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने जिले के जिला कल्याण अधिकारी के सहयोग से 5 से 7 अक्तूबर तक विशेष कार्यक्रमों का आयोजन करें।

मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी द्वारा जारी निर्देश में कहा गया है कि यह आयोजन सरकार की ‘संत महापुरुष सम्मान एवं विचार प्रचार-प्रसार योजना’ के तहत होंगे। इस योजना के माध्यम से संतों और महापुरुषों की जयंती व पुण्यतिथि राज्य और जिला स्तर पर मनाकर उनके आदर्शों व शिक्षाओं का प्रचार-प्रसार किया जाता है। गौरतलब है कि संत-महात्माओं और महापुरुषों की जयंती व पुण्यतिथि को सरकारी स्तर पर मनाने की परंपरा पूर्ववर्ती मनोहर लाल सरकार के कार्यकाल में शुरू की गई थी।

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अब मौजूदा नायब सरकार भी इस परंपरा को उसी उत्साह से आगे बढ़ा रही है। इन आयोजनों का उद्देश्य केवल कार्यक्रम भर नहीं, बल्कि समाज को जोड़ने और युवाओं को प्रेरित करने का है। महर्षि वाल्मीकि के आदर्शों से समाज को शिक्षा मिलती है, वहीं शहीदों के बलिदान से राष्ट्र के प्रति समर्पण और कर्तव्य का बोध होता है।

आज मनाया जाएगा शहीदी दिवस

मंगलवार को पूरे प्रदेश में ‘हरियाणा वीर एवं शहीदी दिवस’ मनाया जाएगा। इस अवसर पर जिला स्तर पर जनसभाएं, गोष्ठियां और विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे। मुख्य सचिव ने अपने पत्र में कहा है कि इस दिन शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के साथ-साथ शहीद परिवारों और युद्ध में वीरता पुरस्कार पाने वाले सैनिकों को स्मृति-चिह्न देकर सम्मानित किया जाएगा। समारोहों में स्वतंत्रता सेनानियों और कारगिल युद्ध के वीर योद्धाओं को भी विशेष आमंत्रण देकर सम्मानित करने की व्यवस्था की जाएगी। इसका उद्देश्य नई पीढ़ी को यह संदेश देना है कि हरियाणा की धरती बलिदान और शौर्य की मिसाल है।

 

 

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