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Vaishakh Amavasya: अमावस्या पर जींद के पिण्डतारक तीर्थ में श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी

जसमेर मलिक/हप्र, जींद, 27 अप्रैल Vaishakh Amavasya: हिंदू पंचांग के अनुसार आज अप्रैल माह की वैशाख अमावस्या पर श्रद्धालुओं ने जींद के पिंडारा गांव के पिण्डतरक तीर्थ में स्नान के बाद पिंडदान किया और पूर्वजों को तर्पण किया। अमावस्या तिथि...
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डुबकी लगाते श्रद्धालु। फोटो हप्र
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जसमेर मलिक/हप्र, जींद, 27 अप्रैल

Vaishakh Amavasya: हिंदू पंचांग के अनुसार आज अप्रैल माह की वैशाख अमावस्या पर श्रद्धालुओं ने जींद के पिंडारा गांव के पिण्डतरक तीर्थ में स्नान के बाद पिंडदान किया और पूर्वजों को तर्पण किया। अमावस्या तिथि रविवार देर रात एक बजकर एक मिनट तक रहेगी। आज रात 12 बजकर 19 मिनट तक प्रीति योग रहेगा। साथ ही रात 12 बजकर 39 मिनट तक अश्विनी नक्षत्र रहेगा।

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धार्मिक मान्यता के अनुसार अमावस्या के दिन इन कामों को करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही पितरों की कृपा से जीवन में सुख व समृद्धि बनी रहती है। वहीं पितरों के नाराज होने पर अगर वैशाख अमावस्या के दिन पितृ तर्पण किया जाए तो वह बेहद लाभदायी होता है। रविवार सुबह चार बजे से ही बैसाख अमावस्या पर श्रद्धालु सरोवर में स्नान, पिंडदान करने के लिए पहुंच गए थे।

पिंडतारक तीर्थ के संबंध में किवदंती है कि महाभारत युद्ध के बाद पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पांडवों ने यहां 12 वर्ष तक सोमवती अमावस्या की प्रतीक्षा में तपस्या की थी। तभी से यह माना जाता है कि पांडु पिंडारा स्थित पिंडतारक तीर्थ पर पिंडदान करने से पूर्वजों को मोक्ष मिल जाता है। महाभारत काल से ही पितृ विसर्जन की अमावस्या, विशेषकर सोमवती अमावस्या पर यहां पिंडदान करने का विशेष महत्व है।

पितरों को खुश करने के लिए विशेष फलदायी है बैसाख अमावस्या : नवीन शास्त्री

जयंती देवी मंदिर के पुजारी नवीन शास्त्री ने बताया कि अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने की परंपरा है। अमावस्या के दिन पितरों को जल अवश्य अर्पित करना चाहिए। ऐसा करने से पितरों का आशीर्वाद हमारे जीवन पर बना रहता है। इस दिन पिंडदान करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। पितरों की आत्मा की शांति के लिए व्रत भी रखें और मंत्रो का जाप करें। अंत में अपनी श्रद्धा अनुसार विशेष चीजों का गरीबों को दान करें।

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