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ईंट-भट्ठों में पराली आधारित बायोमास पेलेट का उपयोग अनिवार्य : नागर

चंडीगढ़, 3 जुलाई (ट्रिन्यू) हरियाणा के गैर एनसीआर जिलों में स्थित ईंट-भट्ठों में धान की पराली आधारित बायोमास पेलेट के उपयोग को अनिवार्य कर दिया गया है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने हाल ही में इस बाबत आदेश जारी किए...
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चंडीगढ़, 3 जुलाई (ट्रिन्यू)

हरियाणा के गैर एनसीआर जिलों में स्थित ईंट-भट्ठों में धान की पराली आधारित बायोमास पेलेट के उपयोग को अनिवार्य कर दिया गया है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने हाल ही में इस बाबत आदेश जारी किए हैं बृहस्पतिवार को खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग ने सभी जिलों को पत्र जारी किया है। ज्ञात रहे कि एनसीआर क्षेत्रों में बायोमास ईंधन के प्रयोग का नियम पहले से ही लागू है। इसके साथ ही पराली से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए अब हरियाणा के सभी जिलों में स्थित ईंट-भट्ठों में धान की पराली आधारित बायोमास पेलेट के उपयोग अनिवार्य हो गया है।

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उन्होंने कहा कि इस क्रम में हरियाणा के सभी गैर-एनसीआर जिलों अम्बाला, फतेहाबाद, हिसार, कैथल, कुरुक्षेत्र, पंचकूला, सिरसा एवं यमुनानगर को पत्र के माध्यम से त्वरित अनुपालन हेतु निर्देश जारी कर दिए गए हैं। ‘बायोमास पेलेट’ एक प्रकार से ठोस ईंधन हैं। लकड़ी, कृषि अवशेषों और अन्य चीजों को छोटे और बेलनाकार छर्रों का रूप दिया जाता है।

गैर-एनसीआर जिलों में त्वरित अनुपालन के निर्देश

खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले मंत्री राजेश नागर ने बताया कि हरियाणा के गैर-एनसीआर क्षेत्रों सभी ईंट-भट्ठों में धान की पराली आधारित बायोमास पेलेट के 50% सम्मिश्रण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसमें न्यूनतम उपयोग का लक्ष्य निम्न प्रकार है

एक नवंबर 2025 से — कम से कम 20% सम्मिश्रण

एक नवंबर 2026 से — कम से कम 30% सम्मिश्रण

एक नवंबर 2027 से — कम से कम 40% सम्मिश्रण

एक नवंबर 2028 से — कम से कम 50% सम्मिश्रण

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