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Haryana News:  तेजी से निपटेंगे जरूरी मामले, कैबिनेट शाखा के लिए नया आदेश जारी

Haryana News: मुख्यमंत्री के निर्देश - चंडीगढ़ से बाहर रहने पर भी नहीं रुकेगा सरकार का कामकाज
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नायब सिंह सैनी की फाइल फोटो।
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Haryana News:  हरियाणा सरकार ने प्रशासनिक व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए नया आदेश जारी किया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह ने स्टेंडिंग आर्डर के जरिए यह व्यवस्था लागू की है। इसके तहत अब तात्कालिक और अति-जरूरी मामलों का निपटारा अधिकारियों को सौंपा जाएगा। इस कदम से सुनिश्चित होगा कि मुख्यमंत्री या वरिष्ठ अधिकारी की अनुपस्थिति में भी शासन का काम निर्बाध रूप से चलता रहे।

हालांकि यह फैसला अप्रैल में ही ले लिया गया था लेकिन बुधवार को मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी की ओर से इस संदर्भ में सभी प्रशासनिक सचिवों, िवभाग प्रमुखों व संबंधित अधिकारियों को हिदायतें दी हैं। आदेश के मुताबिक, यदि मुख्यमंत्री (मंत्री-प्रभारी) चंडीगढ़ से बाहर हों तो सचिव, मंत्रिपरिषद हरियाणा को अति-जरूरी मामलों का निपटारा करने का अधिकार होगा।

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वहीं, प्रशासनिक सचिव की अनुपस्थिति की स्थिति में सचिव या विशेष सचिव (कार्मिक) यह जिम्मेदारी निभाएंगे। सरकार ने स्पष्ट किया है कि इन अधिकारियों द्वारा निपटाए गए मामलों को बाद में मुख्यमंत्री या संबंधित सचिव को उनकी वापसी पर दिखाना अनिवार्य होगा। इससे न केवल पारदर्शिता बनी रहेगी बल्कि निर्णय प्रक्रिया भी स्पष्ट रहेगी।

इस आदेश की प्रतियां राज्यपाल के सचिव, मुख्यमंत्री के मुख्य स्टाफ अधिकारी, मुख्य सचिव के निजी सचिव, विशेष सचिव (कार्मिक) सहित संबंधित अधिकारियों को भी भेजी है ताकि इस पर अमल किया जा सके। प्रशासनिक हलकों का मानना है कि इससे सरकार की कार्यकुशलता और निर्णय प्रक्रिया दोनों में तेजी आएगी और जनता से जुड़े मुद्दों का समाधान बिना देरी के हो सकेगा।

केवल तात्कालिक मामलों पर ही लागू

यह अधिकार केवल उन मामलों तक सीमित रहेगा, जिनमें तुरंत कार्रवाई आवश्यक है। सामान्य और सरल मामलों को निचले स्तर पर निपटाया जाएगा, जबकि नीति, नियमों या जटिल परिस्थितियों से जुड़े मुद्दे ही उच्च स्तर पर भेजे जाएंगे।

अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकेगी

मुख्यमंत्री नायब सिंह ने आदेश में कहा है कि अधिकृत अधिकारी द्वारा निपटाए गए मामलों को वैध माना जाएगा। ऐसे आदेशों को अदालतों या अन्य मंचों पर केवल इस आधार पर चुनौती नहीं दी जा सकेगी कि उसमें संबंधित स्तर की स्वीकृति नहीं मिली।

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