दूर होगी यूरिया की कमी, कालाबाजारी पर रहेगी नज़र : उप कृषि निदेशक
सुरेंद्र मेहता/अरविंद शर्मा
यमुनानगर/जगाधरी, 8 जुलाई
यमुनानगर में अगले दो दिन में यूरिया के एक लाख बैग आयेंगे। यह जानकारी उप कृषि निदेशक डॉक्टर आदित्य डबास ने दी। उन्होंने बताया कि जिला यमुनानगर में लगभग 1 लाख बैग (4,500 मीट्रिक टन) यूरिया आगामी दो दिनों में प्राप्त होने वाला है। इसमें से 50% प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों के माध्यम से और शेष 50% निजी डीलरों के माध्यम से वितरित किया जाएगा ताकि सभी किसानों को समान और समय पर उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके।
उन्होंने बताया कि अप्रैल से जून, 2025 की अवधि में, पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में जिले में लगभग 90,000 बैग (4,050 मीट्रिक टन) यूरिया कम प्राप्त हुआ है। इसके बावजूद, सहकारी क्षेत्र ने इस अंतर को पाटने और किसानों तक यूरिया की उपलब्धता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अब तक प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों के माध्यम से लगभग 2 लाख बैग (9,000 मीट्रिक टन) यूरिया वितरित किया जा चुका है।
उन्होंने बताया कि जिले में लगभग 1.80 लाख एकड़ क्षेत्र में धान की बुआई की गई है। जून और जुलाई में समय पर एवं पर्याप्त वर्षा होने के कारण यूरिया की मांग में अचानक वृद्धि हुई है, ताकि फसल की बेहतर बढ़वार सुनिश्चित की जा सके। इसके अलावा जिले में लगभग 45,000 एकड़ क्षेत्र में गन्ने की खेती है। वर्तमान अवस्था में गन्ने के लिए अभी यूरिया की कोई बड़ी आवश्यकता नहीं है। मक्का की खेती लगभग 12,000 एकड़ और दलहन/सब्जियों की खेती लगभग 8,000 एकड़ में की गई है, जिसके लिए वर्तमान में सीमित मात्रा में ही यूरिया की आवश्यकता है।
उन्होंने बताया कि कृषि एवं किसान कल्याण विभाग जिले में यूरिया के भंडार और बिक्री की सघन निगरानी कर रहा है। सहकारी समितियों एवं निजी डीलरों को पारदर्शी और निष्पक्ष वितरण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि जमाखोरी या कालाबाज़ारी को पूरी तरह रोका जा सके। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे यूरिया का क्रय अपनी फसल की आवश्यकता के अनुसार ही करें और अनावश्यक भयवश अधिक मात्रा में भंडारण न करें।