जगाधरी, 8 जुलाई (निस)
खाद की किल्लत का जिन्न किसानों का पीछा नहीं छोड़ रहा है। पैडी रोपाई के इस सीजन में तीन बार यूरिया खाद खत्म हो चुका है। रोपाई के दौरान यूरिया खाद के खत्म होने से किसानों में सरकार के प्रति गहरी नाराजगी है। बीते पांच दिनों से जिले में सरकारी बिक्री केंद्रों पर यूरिया खाद का स्टाक नहीं है। धान रोपाई के बीच किसानों को यूरिया का जुगाड़ करने के लिए इधर-उधर दौड़ लगानी पड़ रही है। यमुना नदी से लगते किसानों को तो मजबूरी के चलते सरसावा, सहारनपुर, बेहट, नकुड़ आदि इलाकों से यूरिया खाद लेकर आना पड़ रहा है। किसान महीपाल सिंह, वैष्णु कुमार, गौरव सिंह, ललित कुमार, प्रदीप सिंह का कहना है कि हर सीजन में डीएपी व यूरिया खाद की किल्लत होने लगी है। धान रोपाई के सीजन में तीन बार यूरिया खत्म हो चुका है। समय पर यूरिया का छिडक़ाव न होने से इसकी बढ़त पर प्रभाव पड़ रहा है। किसानों का कहना है कि सरकार को खाद की पर्याप्त आपूर्ति करनी चाहिए। उन्होंने सरकार से इसे लेकर ठोस कदम तत्काल उठाने की मांग की है। जिले में इस सीजन में लगभग 55 एमटी यूरिया खाद की मांग होती है,जबकि अभी तक साढ़े 17 हजार एमटी के करीब ही आया है।
‘जल्द लेगा रैक’
कृषि विभाग के एसडीओ डाॅ. राकेश पोरिया का कहना है कि पिछले दिनों गुजरात आदि में आए तूफान से खाद की आपूर्ति पर असर पड़ा था। बीच में यूरिया खाद के रैक लगे भी हैं। उन्होंने कहा कि जल्दी ही एनएफएल कंपनी के यूरिया खाद का रैक लगेगा। इसके बाद इफको के यूरिया खाद का रैक लगने की संभावना है। डा. राकेश पोरिया का कहना है कि किसानों को खाद की कोई दिक्कत नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने बताया कि अभी भी कुछ खाद स्टाक में है।