UPSC result : यूपीएससी में छाए समालखा के छोरा-छोरी, शिवानी ने 53वां और हिमांशु ने 209वां रैंक किया हासिल
विनोद लाहोट/निस
समालखा,22 अप्रैल
"कौन कहता है कि आसमान में छेद नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबियत से उछालो" इस कहावत को समालखा के गांव भोडवाल माजरी की बेटी शिवानी पांचाल ने पूरा करते हुए यूपीएससी के अपने लक्ष्य को भेदते हुए 53 वां स्थान हासिल किया है। इससे पहले शिवानी पिछले साल एचसीएस में 21वां रैंक हासिल कर चुकी है। वहीं इसी तरफ पिछले साल यूपीएससी पास करके आईएफएस बने गांव आट्टा के रहने वाले हिमांशु कादियान ने इस बार 209 वां रैंक हासिल किया है। यूपीएससी में झंडे गाड़ने वाले बेटी शिवानी पांचाल व हिमांशु कादियान चंदन बाल विकास स्कूल से 2017 के पास आऊट है।
संघर्षों से भरा रहा है शिवानी का जीवन
गांव भोडवाल माजरी की बेटी शिवानी पांचाल का जीवन संघर्षों से भरा हुआ है। वर्ष 2005 में शिवानी जब 5 साल की थी तब सड़क हादसे में पिता दिलबाग सिंह का निधन हो गया था। मां सविता जो आंगनवाड़ी वर्कर है ने शिवानी व उसके भाई को पढ़ाया। शिवानी ने बताया कि 2017 में चंदन बाल विकास स्कूल से 12वीं कक्षा पास करने के बाद उसने आईआईटी कुरूक्षेत्र से बीटेक की परीक्षा पास करने के बाद 2 साल तक नौकरी की, लेकिन उनका लक्ष्य यूपीएससी था।
पिछले साल हरियाणा सिविल सर्विस परीक्षा दी, जिसमें 21वां रैंक हासिल हुआ और उन्हें झज्जर मे पोस्टिंग मिली। 2024 में उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा दी और पहले ही प्रयास में न सिर्फ सफलता मिली बल्कि 53वां रैंक हासिल हुआ। शिवानी ने अपनी सफलता का श्रेय मां सविता के साथ-साथ चाचा व दादा को दिया है।
हिमांशु ने हासिल किया 209 वां रैंक
इसी तरह यूपीएससी परीक्षा में 209 वां रैंक हासिल करने वाले हिमांशु का संघर्ष भी कम नही रहा। 26 वर्षीय हिमांशु के पिता नागेन्द्र की मृत्यु उस समय हुई जब वह मात्र डेढ़ वर्ष के थे। पति की ब्रेन हेमरेज से मौत हो जाने के बाद मां संतोष मायके गांव आट्टा में आकर रहने लगी। चंदन बाल विकास स्कूल आट्टा में शिक्षिका के तौर पर नौकरी करने लगी।
हिमांशु ने चंदन स्कूल से 2017 मे 12 वीं कक्षा पास करके रूडकी (यूपी) में आईआईटी में दाखिला लिया। 2023 में यूपीएससी पास करके आईएफएस बने, लेकिन इससे संतुष्टी नहीं हुई। हिमांशु ने 2024 में फिर से यूपीएससी की परीक्षा दी। इस बार उन्हें 209 वां रैंक हासिल हुआ। स्कूल के संचालक नरेश गाहल्याण ने इस उपलब्धि पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि शिवानी व हिमांशु ने न सिर्फ माता-पिता व गांव के साथ-साथ स्कूल का नाम भी रोशन किया है।