हिसार, 3 फरवरी (निस)
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के 53वें स्थापना दिवस पर कुलपति ने रि-सर्क्युलिंग एक्वा कल्चर सिस्टम व हल्दी लैब की आधारशिला रखी। उन्होंने कहा कि रि-सर्क्युलिंग एक्वा कल्चर सिस्टम तकनीक के माध्यम से देश में मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए कम क्षेत्र में अधिक उत्पादन हासिल किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि रि-सर्क्युलेटरी एक्वा कल्चर सिस्टम (आरएएस) एक ऐसी तकनीक है, जो पानी के पुन: संचार और पुन: उपयोग पर निर्भर करती है। इससे किसान कम जोत में भी अधिक मछली उत्पादन कर सकते हैं। इस प्रणाली में आयताकार या वृताकार टैंक में कम जगह में अधिक मछली का उत्पादन लिया जा सकता है। साथ ही कृषि अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी महाविद्यालय में हल्दी लैब की आधारशिला रखी। इस लैब के बनने के बाद इसमें किसानों के लिए ट्रेनिंग आयोजित की जाएगी, जिसमें एक दिन में 800 से 1000 किलो कच्ची हल्दी को प्रोसेस किया जा सकेगा। इससे किसानों को सीधा फायदा ये होगा कि वे अपनी खेत से उत्पादित हल्दी को यहां लाकर प्रोसेस करवा सकेंगे। साथ ही यहां पैकेजिंग की भी सुविधा प्रदान की जाएगी।