सोनीपत, 6 अक्तूबर (निस)
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी की घटना के बाद वहां जाने के लिए आए दिन किसानों के जत्थे रवाना हो रहे हैं। बुधवार को एसकेएम के आह्वान पर सैकड़ों किसानों का जत्था कुंडली बॉर्डर से लखीमपुर खीरी के लिए रवाना हुआ, लेकिन उन्हें कुंडली-गाजियाबाद-पलवल (केजीपी) एक्सप्रेस-वे पर बागपत बॉर्डर से पहले यूपी पुलिस ने बैरिकेड लगाकर रोक लिया। यूपी पुलिस की इस कार्रवाई का किसानों ने विरोध किया। इधर, केजीपी पर रास्ता अवरुद्ध होने से लंबा जाम लग गया। बाद में चुनींदा लोगों को ही यूपी के लिए रवाना होने की इजाजत मिली। बाकी किसानों को वापस लौटा दिया गया। पुलिस ने यूपी जाने वाले किसानों का नाम व पता भी दर्ज किया।
लखीमपुर खीरी में किसानों की मौत के बाद से दिल्ली की सीमाओं पर धरनारत किसानों में रोष है। वे लखीमपुर खीरी के लिए रवाना हो रहे हैं। बुधवार को 20 गाड़ियों में किसानों का एक जत्था केजीपी के रास्ते लखीमपुर खीरी के लिए रवाना हुआ। बागपत के डीएम व एसपी ने स्वयं वाहनों की जांच की और पूरी जानकारी रजिस्टर में दर्ज करने के बाद चुनींदा किसानों के एक जत्थे को आगे जाने दिया गया।
जाम में फंसे किसानों ने बताया कि भाकियू नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने किसानों को लखीमपुर खीरी पहुंचकर अंतिम संस्कार में शामिल होने को कहा था, जिसके चलते सुबह से केजीपी व बहालगढ़-बागपत रोड से किसान काफी संख्या में यूपी जा रहे हैं। भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) गुट के प्रदेश उपाध्यक्ष सत्यवान नरवाल ने कहा कि यूपी प्रशासन किसानों को रोकने के लिए जानबूझकर चेकिंग करा रहा है। वह किसानों को यूपी पहुंचने से रोकने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसान ऐसे डरकर पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने कहा कि केजीपी जैसे एक्सप्रेस-वे को रोककर चेकिंग करने का कोई औचित्य नहीं है।
सघन चेकिंग अभियान के चलते केजीपी पर वाहन रेंग कर निकलते रहे, लेकिन कुछ देर में लंबा जाम लग गया। वाहनों की कतारें लंबी होती चली गई। करीब 11 बजे तक जाम से कुछ राहत मिली।
विपक्ष बिगाड़ रहा माहौल : विज
चंडीगढ़ (ट्रिन्यू) : हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने विपक्षी पार्टियों के नेताओं को लखीमपुर में हुई घटना के संबंध में नसीहत देते हुए कहा कि विपक्षी पार्टियों को इस मामले को तूल देकर माहौल खराब करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर कोई घटना या दुर्घटना हुई है तो सरकार ने उसका पूरा संज्ञान लिया है और किसानों के साथ बातचीत की है।