चंडीगढ़, 30 नवंबर (ट्रिन्यू)
कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले किसानों ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का सशर्त बातचीत का न्योता ठुकरा दिया है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने कहा कि अब यह डेडलॉक खत्म होना चाहिए। जल्दी ही वार्ता होनी चाहिए और इसे आत्मसम्मान का मुद्दा नहीं बनाना चाहिए।
रविवार को चंडीगढ़ से जारी बयान में विज ने हरियाणा और पंजाब के सीएम के बीच छिड़ी जुबानी जंग पर भी टिप्पणी की। पंजाब सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के सवालों के जवाब में विज ने कहा, पहले तो ये कह रहे थे कि इन्हें फोन आया ही नहीं, अब कहते हैं, मोबाइल पर नहीं किया, फिर कहेंगे मुझे आकर जगाया नहीं। विज ने कैप्टन के प्रशासन को भी नकारा बताते हुए कहा, क्या आपका प्रशासन इतना लापरवाह है कि एक मुख्यमंत्री का फोन आता है, चाहे किसी भी फोन पर आए वो आपको बताता नहीं। इसका मतलब यह है कि आपका प्रशासन पर से नियंत्रण खत्म हो गया है।
विज ने कहा कि यह कोई लड़ाई नहीं है, यह तो हमारे मुख्यमंत्री का धर्म बनता था कि अगर पंजाब से इतनी बड़ी संख्या में लोग आ रहे हैं तो उनके बारे में पंजाब के सीएम से बात करें। विज ने कहा कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए बात करना जरूरी होता है।
हरियाणा के मुख्यमंत्री ने फोन भी किया लेकिन पंजाब के मुख्यमंत्री ने नहीं उठाया तो वे जाने। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के बयान कि आंदोलन में हरियाणा के किसान शामिल नहीं हैं, पर पूर्व सीएम हुड्डा ने सवाल पूछे हैं कि अगर धरने में किसान नहीं थे तो लाठियां किस पर बरसाई गई और हिरासत में किसे लिया गया। हुड्डा के इस बयान पर भी विज ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री हमेशा भड़काने वाली बात करते हैं। हरियाणा से गुजरने के दौरान कहीं भी लाठी नहीं चलाई गई। अब पूर्व सीएम को कहां लाठी लगी, इसका वे ही बता सकते हैं।