फाइलों में नहीं, बच्चों के हाथ में पहुंचे यूनिफॉर्म राशि
मंत्री की फटकार के बाद शिक्षा विभाग हरकत में आ गया है। विभाग ने 6 नवम्बर तक सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों से विस्तृत रिपोर्ट तलब कर ली है। सभी जिलों को आदेश दिया गया है कि वन स्कूल एप पोर्टल पर यूनिफॉर्म योजना से जुड़े सभी विद्यार्थियों का डाटा 100 प्रतिशत अद्यतन किया जाए, ताकि कोई बच्चा वर्दी राशि से वंचित न रहे।
वर्ष 2025-26 का शैक्षणिक सत्र आधे से ज़्यादा बीत चुका है, लेकिन हज़ारों विद्यार्थी अब तक मुफ़्त वर्दी योजना के लाभ से वंचित हैं। कई स्कूलों ने बच्चों की जानकारी पोर्टल पर अपलोड नहीं की, जबकि कुछ में बैंक खातों, पी.पी.पी. आई.डी. और आई.एफ.एस.सी. कोड की त्रुटियाँ हैं।
इसी वजह से यूनिफॉर्म राशि का भुगतान प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से नहीं हो पाया। शिक्षा मंत्री ने कहा कि बच्चों की यूनिफॉर्म में देरी का मतलब है व्यवस्था की विफलता। इस बार कोई बहाना नहीं चलेगा।
बैंक खातों और विवरण में गड़बड़ियों पर सख्त रुख
मौलिक शिक्षा महानिदेशक ने सभी जिलों को निर्देश दिए हैं कि जिन विद्यार्थियों के बैंक खाते बंद, निष्क्रिय या गलत विवरण वाले हैं, उन्हें तत्काल दुरुस्त किया जाए। विद्यालय प्रमुखों को आदेश दिए गए हैं कि प्रत्येक विद्यार्थी की जानकारी वन स्कूल एप पोर्टल पर सही-सही दर्ज की जाए। यदि भुगतान असफल हुआ है, तो उसकी त्रुटि सूची (एरर शीट) बनाकर निदेशालय को भेजी जाए। अभिभावकों से संपर्क कर निष्क्रिय खातों को सक्रिय कराया जाए। उन्होंने चेतावनी दी है की अगर जानकारी अधूरी रही तो संबंधित अधिकारी की जवाबदेही तय होगी।
पहली से आठवीं तक के विद्यार्थियों को सीधे बैंक खाते में राशि
राज्य सरकार की योजना के तहत कक्षा पहली से आठवीं तक के सभी सरकारी विद्यालयों के विद्यार्थियों को वर्दी की राशि सीधे उनके बैंक खातों में भेजी जाएगी। शिक्षा मंत्री ने कहा कि यह राशि बच्चों का अधिकार है, किसी की कृपा नहीं। सरकार चाहती है कि हर बच्चे तक यह पैसा समय पर और बिना त्रुटि पहुँचे। विभाग ने यह भी कहा कि जिन विद्यार्थियों के भुगतान में विफलता दिखी है, उन्हें दोबारा जाँचकर सफल सूची (सक्सेस लिस्ट) में शामिल किया जाए।
7 नवम्बर तक रिपोर्ट नहीं भेजी तो कार्रवाई तय
शिक्षा निदेशालय ने सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को आदेश दिया है कि वे 7 नवम्बर तक प्रमाण पत्र भेजें, जिसमें लिखा हो कि उनके जिले के सभी विद्यालयों ने पोर्टल पर डाटा अद्यतन कर दिया है। यदि किसी जिले ने रिपोर्ट अधूरी छोड़ी या गलत जानकारी दी, तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई तय मानी जाएगी। मौलिक शिक्षा महानिदेशक ने कहा कि यह कार्य उच्च प्राथमिकता में रखा गया है, क्योंकि बच्चों को वर्दी योजना का लाभ दिलाना विभाग की शीर्ष जिम्मेदारी है।
