हरियाणा सरकार ने स्थानीय निकायों में आधी आबादी यानी महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण की कवायद शुरू की है ताकि वे चुनकर आएं और अपनी राजनीतिक एवं प्रशासनिक क्षमता से नया कीर्तिमान बनाएं। लेकिन न जाने क्यों इस युग में भी महिलाएं पर्दा प्रथा नहीं छोड़ पा रही हैं। यह सामाजिक डर है, परंपरा को निभाने की जिद या कुछ और। कई बार तो पार्षद पति या सरपंच पति जैसे शब्दों से भी हम रू-ब-रू होते हैं। यानी पद महिला के पास और कामकाज पति के हवाले। इससे इतर हरियाणा की ही बेटियों-बहुओं ने अलग-अलग क्षेत्रों में कई कीर्तिमान भी स्थापित किए हैं। फिलहाल बात सियासत और पर्दे की। सियासी मंच पर अपना हुनर दिखाने को आईं महिलाएं घूंघट में ही नजर आ रही हैं। ऐसा ही एक नजारा बुधवार को राजौंद नगर पालिका भवन के शपथ ग्रहण समारोह में देखने को मिला। यहां एसडीएम नवीन कुमार ने जब नव निर्वाचित चेयरपर्सन एवं पार्षदों को शपथ दिलवाई तो बेशक कुछ महिला पार्षदों ने बिना घूंघट के शपथ ली, लेिकन वार्ड 7 से पार्षद कर्मवती, चेयरपर्सन बबीता व वार्ड 3 से अंजू ने घूंघट की ओट में ही शपथ ली।
-ललित शर्मा/हप्र