चंडीगढ़, 3 अप्रैल (ट्रिन्यू)
हरियाणा के व्यापारी और आढ़ती अडाणी के साइलो गोदाम के लिए गेहूं की खरीद करने के खिलाफ हैं। आढ़तियों का कहना है कि सरकार द्वारा ही अनाज मंडियों में फसलों की खरीद की जाए। आढ़तियों को मंडियों में आ रही अन्य समस्याओं व मार्केट फीस से जुड़ा विवाद भी मुख्यमंत्री के समक्ष पहुंचा है। सीएम ने अपने प्रधान सचिव वी़ उमाशंकर की इस संबंध में ड्यूटी लगाते हुए उन्हें शिकायतों का समाधान करने को कहा है। रविवार को भारतीय व्यापार मंडल के पदाधिकारियों के एक शिष्टमंडल ने चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री से मुलाकात की। व्यापार मंडल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व सीएम के पूर्व मीडिया एडवाइजर राजीव जैन व प्रदेशाध्यक्ष राम अवतार गोयल के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने अपनी समस्याएं सीएम के सामने रखी। उन्होंने प्रदेश के आढ़तियों को लेकर सरकार द्वारा पूर्व में की घोषणाओं को लागू करने का मुद्दा भी मुलाकात के दौरान उठाया।
आढ़तियों की मांगों व समस्याओं पर सीएम ने वी़ उमाशंकर की ड्यूटी लगाते हुए उन्हें निर्देश दिए कि वे मार्केटिंग बोर्ड व खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अधिकारियों की एसोसिएशन के साथ बैठक करवाएं ताकि सभी मुद्दों का हल निकाला जा सके। राजीव जैन ने सीएम से मार्केट फीस कम करने की मांग करते हुए कहा, जितनी ज्यादा फीस होगी, चोरी उतनी बढ़ेगी। सरकार इस बात का हिसाब लगाए की कितनी मात्रा में फसलें पैदा होती हैं, उन पर कितनी मार्केट फीस आती है और कितनी आनी चाहिए थी।
व्यापार मंडल के चेयरमैन विकास अग्रवाल ने कहा कि सभी फसलों पर दामी ढाई प्रतिशत करने के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखा जाए। आढ़तियों को पल्लेदारी का भुगतान 7 दिन और दामी का भुगतान अंतिम बोली से 15 दिन में न होने पर ब्याज दिया जाए। मंडी लाइसेंस ऑनलाइन करने तथा मंडियों में अन्य व्यवसाय करने की कानूनी मंजूरी दिए जाने की फाइलें अधिकारियों के चक्कर लगा रही हैं।
राइस मिलर्स को ई खरीद पोर्टल से भुगतान की मांग
राइस मिलर्स को सभी भुगतान ई-खरीद पोर्टल के माध्यम से करवाने की मांग भी मुलाकात के दौरान रखी गई। प्रधान राम अवतार तायल ने खाद के लिए फार्म ‘ओ’ एवं कीटनाशक के लिए फार्म-6 का प्रावधान खत्म करने की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि मार्केटिंग बोर्ड के अधिकारियों का ट्रांसफर ऑनलाइन करने, भुगतान संबंधी समस्याओं को हल करने के लिए सीएम विंडो की तर्ज पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज करने का प्रावधान किया जाए। उपाध्यक्ष हर्ष गिरधर ने कहा कि खल-बिनौला सहित प्राइवेट खरीद पर मार्केट फीस हटाकर मिलिंग क्षमता अनुसार वार्षिक फीस चार्ज की जाए।