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जेल में बंद किसान नेताओं की रिहाई के लिए दिया अल्टीमेटम

जींद, 22 अप्रैल(हप्र) जींद-नरवाना नेशनल हाईवे पर खटकड़ गांव में हुई किसानों की महापंचायत में फैसला लिया गया कि 27 अप्रैल तक यदि अनीष खटकड़ समेत सभी किसान नेताओं को रिहा नहीं किया गया, तो फिर किसान बैठक कर बड़े...

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जींद में सोमवार को खटकड़ टोल प्लाजा पर जाम लगा रहे किसान। -हप्र
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जींद, 22 अप्रैल(हप्र)

जींद-नरवाना नेशनल हाईवे पर खटकड़ गांव में हुई किसानों की महापंचायत में फैसला लिया गया कि 27 अप्रैल तक यदि अनीष खटकड़ समेत सभी किसान नेताओं को रिहा नहीं किया गया, तो फिर किसान बैठक कर बड़े आंदोलन का फैसला लेंगे। पंचायत के बाद एक घंटे के लिए जींद-नरवाना नेशनल हाईवे को खटकड़ गांव के पास जाम भी किया गया। किसानों ने कहा कि यह केवल सांकेतिक जाम है। यदि जरूरत हुई तो सड़क मार्ग अनिश्चितकाल के लिए भी बंद किया जा सकता है।

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खटकड़ टोल प्लाजा पर किसान महापंचायत लगभग 12 बजे शुरू हुई। इसके बाद भाषणों का दौर चलता रहा। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि सरकार किसानों को नाजायज परेशान कर रही है। जिन किसानों को जेल में बंद किया गया है, उनके खिलाफ कोई सबूत ही नहीं हैं, लेकिन किसानों के आंदोलन को कुचलने के लिए सरकार यह कदम उठा रही है। डल्लेवाल ने कहा कि किसान आंदोलन जारी रहेगा और लोकसभा चुनाव के बाद बनने वाली सरकार से भी उनकी यही मांग रहेगी। महापंचायत में निर्णय लिया गया कि 27 अप्रैल तक यदि किसान नेता जेल से बाहर नहीं आए, तो फिर किसान बड़े आंदोलन का निर्णय लेने पर मजबूर होंगे।

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दो मौतों के कारण नहीं लिया गया बड़ा फैसला

सोमवार को गांव खटकड़ में एक व्यक्ति की मौत हो गई। वहीं बरसोला में भी एक व्यक्ति की मौत हुई। इसी कारण पंचायत में किसी बड़े आंदोलन की घोषणा नहीं की गई। सभी वक्ताओं ने कहा कि फिलहाल 27 अप्रैल तक का अल्टीमेटम सरकार और प्रशासन को दिया जाता है।

इसके बाद बड़े आंदोलन का निर्णय लिया जाएगा। महापंचायत के आयोजक कैप्टन भूपेंद्र सिंह जागलान ने कहा कि पुलिस तथा प्रशासन की टीम से भी बात हुई थी। जेल में अनीष खटकड़ से मिलकर उसका अनशन खुलवाने का प्रयास किया जाएगा। किसान कानूनी लड़ाई भी लड़ रहे हैं। आंदोलन की लड़ाई भी जारी रहेगी।

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