Tribune
PT
Subscribe To Print Edition About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

दो सगी बहनों आराध्या व कृतिका जैन का वैराग्य पथ की ओर प्रस्थान, 8 वर्षों से कर रहीं साधना

रानियां में भव्य तिलक अभिनंदन समारोह, मालेरकोटला में फरवरी 2026 को होंगी जैन दीक्षा

  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
Advertisement

जब आज की युवा पीढ़ी आधुनिकता की चकाचौंध, सोशल मीडिया और भौतिक सुख-सुविधाओं में उलझी हुई है, वहीं जालंधर पंजाब की दो सगी बहनों आराध्या जैन (18) व कृतिका जैन (17) ने सांसारिक मोह-माया को त्यागकर तप, संयम और अध्यात्म के मार्ग पर चलने का अद्भुत निर्णय लिया है। जैन धर्म की अनन्य अनुयायी ये दोनों बहनें 8 वर्षों से महासाध्वी स्वाती जी महाराज की शिष्याओं के रूप में वैराग्य जीवन जी रही हैं। अब वे 22 फरवरी, 2026 को पंजाब के मलेरकोटला में आचार्य सम्राट डॉ. शिवमुनि जी महाराज की आज्ञानुसार दीक्षा ग्रहण करेंगी।

तिलक अभिनंदन समारोह बना ऐतिहासिक आयोजन

Advertisement

रानियां स्थित जैन धर्मशाला में रविवार को दोनों वैरागन बहनों का तिलक अभिनंदन समारोह अत्यंत श्रद्धा व भव्यता से संपन्न हुआ। यह अवसर महासाध्वी स्वर्ण कांता जी महाराज की जयंती के शुभ दिन पर आयोजित किया गया। इस मौके पर महासाध्वी स्वाती जी महाराज ठाणा-5 के सान्निध्य में दोनों बहनों को पारंपरिक रीति से दुल्हन के समान अलंकृत किया गया। सुबह रानियां नगर में आलीशान ओपन गाड़ी में सजी हुई दोनों वैरागन बहनों की शोभायात्रा निकाली गई जो ढोल-नगाड़ों, जयकारों और पुष्प वर्षा के बीच मुख्य बाजारों से होकर गुजरी।

Advertisement

श्रद्धालुओं ने उत्साहपूर्वक नृत्य करते हुए संयम और त्याग की राह पर अग्रसर हो रही इन बाल वैरागनों का अभिनंदन किया। जैन धर्मशाला पहुंचने पर जैन सभा रानियां के प्रधान बहादुर जैन, सचिव सोमप्रकाश तथा समाज के अन्य पदाधिकारियों ने सर्वप्रथम दोनों वैरागन बहनों को तिलक लगा समारोह की शुरुआत की। इसके पश्चात जैन समाज के सैकड़ों श्रद्धालुओं ने क्रमवार उन्हें तिलक लगाकर आशीर्वाद दिया।

स्वर्ण कांता जी महाराज की जयंती पर श्रद्धासुमन

समारोह में महासाध्वी स्वाती जी महाराज ने अपनी गुरुणी स्वर्ण कांता जी महाराज की जीवन गाथा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उन्होंने अपना पूरा जीवन लोक कल्याण और धर्म प्रचार में समर्पित किया। उनके चमत्कार व त्याग के प्रसंग आज भी प्रेरणास्रोत हैं।

बचपन से धर्म में गहरी आस्था

इस अवसर पर आराध्या जैन ने भावनाओं से ओतप्रोत होकर कहा हमारे मन में बचपन से ही जैन धर्म के प्रति गहरी आस्था थी। जब हम अपनी माता सोनिया जैन के साथ प्रवचनों में जाया करती थीं, तो साध्वियों के संयममय जीवन को देखकर हमारे हृदय में भी यही भावना उत्पन्न हुई कि क्या हम भी ऐसा जीवन जी सकते हैं? उसी क्षण मन ने उत्तर दिया- हां। और तभी से हमने धर्म के मार्ग पर चलने का संकल्प लिया।

आराध्या और कृतिका ने बताया कि वे बचपन से ही भौतिक वस्तुओं से विरक्त थीं। जब गुरुणी स्वाती जी महाराज की शरण में आईं तो धर्म, तपस्या और त्याग का वास्तविक अर्थ समझ में आया। आज के आधुनिक युग में मोबाइल, इंटरनेट और फैशन की दुनिया से दूर रहना कठिन जरूर है, पर असंभव नहीं यदि जीवन में धर्म का जज्बा हो तो।

दीक्षा के लिए 8 वर्षों से कर रहीं साधना

दोनों बहनें पिछले आठ वर्षों से महासाध्वी स्वाती जी महाराज के साथ वैरागन के रूप में रहकर जैन आगम, दर्शन और आचार का गहन अध्ययन कर रही हैं। आराध्या और कृतिका दोनों ने जैन शास्त्रों, 25 बोल, 67 बोल, पुच्छिसुणं, प्रतिक्रमण, नवत्तत्व, गुणस्थान, कर्म ग्रंथ, भक्तामर स्तोत्र, दशवैकालिक सूत्र, कल्याण मंदिर स्तोत्र आदि ग्रंथों का गूढ़ अध्ययन किया है और अनेक श्लोक व स्तोत्र कंठस्थ किए हैं।

धार्मिक कार्यक्रमों में श्रद्धालुओं की भावनाएं उमड़ीं

कार्यक्रम के दौरान रानियां, सिरसा, अंबाला, गुड़गांव, फतेहाबाद, हनुमानगढ़, भदौड़, मलोट, चौटाला, सरदूलगढ़ आदि स्थानों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। बच्चों ने धार्मिक नाटिकाएं प्रस्तुत कीं जबकि रविंद्र जैन व रमा जैन ने भावपूर्ण भजनों के माध्यम से गुरु महिमा का गुणगान किया। जैन सभा सचिव ने कहा कि मालेरकोटला में होने वाले दीक्षा समारोह में रानियां से विशाल श्रद्धालुगण शामिल होगें।

वहीं दीक्षा के बारे में जानकारी देते हुए एसएस जैन सभा के उपाध्यक्ष नरेश जैन एडवोकेट ने कहा कि आराध्या और कृतिका जैन का सांसारिक जीवन से विरक्ति लेकर अध्यात्म की राह पर अग्रसर होना न केवल समाज के लिए प्रेरणास्रोत है, बल्कि यह संदेश भी देता है कि त्याग और संयम आज भी इस भौतिक युग में प्रासंगिक हैं। 22 फरवरी 2026 में मलेरकोटला में होने वाला यह दीक्षा समारोह निश्चय ही जैन समाज के इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय के रूप में अंकित होगा।

उपस्थित गणमान्य

इस अवसर पर बहादुर जैन प्रधान, सचिव सोमप्रकाश, नरेश जैन एडवोकेट उपाध्यक्ष, मोहन लाल जैन, जीत जैन, साहिल जैन, सुरेन्द्र, तथा विभिन्न नगरों से आए श्रद्धालु अंबाला, हनुमानगढ़, फतेहाबाद, मलोट, चौटाला, सरदूलगढ़, भदौड़, बंबीहा, झुम्बा विशेष रूप से उपस्थित रहे।

Advertisement
×