दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 4 जुलाई
हरियाणा कांग्रेस के बड़े नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को ‘त्रिमूर्ति’ ने मौन चुनौती दी है। इस चुनौती के बाद परवान चढ़ती गुटबाजी के बीच हरियाणा मामलों के प्रभारी विवेक बाबरिया की प्रदेश कांग्रेस नेताओं को एकजुट रखने की कवायद फीकी पड़ती दिख रही है। हुड्डा विरोधी खेमा खुलकर बैटिंग की तैयारी में है। मंगलवार को इसका नजारा भी दिखा। पूर्व केंद्रीय मंत्री व छत्तीसगढ़ की प्रभारी किरण चौधरी, कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव व राज्यसभा सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला तथा पूर्व मंत्री व तोशाम से विधायक किरण चौधरी एक मंच पर आए। बेशक, तीनों नेता खुलकर हुड्डा गुट के खिलाफ कुछ नहीं बोल रहे, लेकिन इशारों-इशारों में बहुत कुछ संकेत दे रहे हैं।
तीनों ने मिलकर प्रदेशभर में राजनीतिक कार्यक्रम करने के भी संदेश दिए हैं। दरअसल, यहां प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में हुई प्रेस कान्फ्रेंस में तीनों नेता एक साथ पहुंचे। कान्फ्रेंस के बाद सुरजेवाला खुद गाड़ी ड्राइव करके गए। कुमारी सैलजा उनके साथ अगली सीट पर बैठी थीं और पीछे वाली सीट पर किरण चौधरी नज़र आईं। इससे पहले 24 व 25 जून को चंडीगढ़ में प्रभारी विवेक बाबरिया की मौजूदगी में बैठक एवं वन-टू-वन संवाद के दौरान भी तीनों नेताओं ने खुलकर हुड्डा कैंप के खिलाफ मोर्चा खोला था। पार्टी में एकतरफा फैसले और बिना चुनावी घोषणा-पत्र कमेटी के चुनावी वादे करने को तीनों ने ही मुद्दा बनाया था। पत्रकार वार्ता में विधायक प्रदीप चौधरी, शमशेर गोगी और रेनू बाला भी मौजूद रहे। इनके अलावा हरियाणा कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष सुरेश गुप्ता, रामकिशन गुर्जर, पूर्व उपमुख्यमंत्री चंद्रमोहन बिश्नोई की भी मौजूदगी रही।
बता दें कि प्रदेश कांग्रेस का संगठन भी पिछले नौ वर्षों से गुटबाजी की वजह से ही लटका हुआ है। 2014 में अशोक तंवर ने प्रधान बनने के कुछ समय बाद ही प्रदेश, जिला व ब्लॉक कार्यकारिणी को भंग कर दिया था। बाद में सैलजा प्रधान बनीं, लेकिन विरोधियों के चलते वह चाहकर भी संगठन खड़ा नहीं कर पाईं। पिछले करीब सवा वर्षों से प्रधानगी चौ. उदयभान के हाथों में है। माना जा रहा है कि उदयभान की नियुक्ति हुड्डा की पसंद से हुईं। पार्टी नेतृत्व तक पदाधिकारियों के संभावित नाम भेजे जा चुके हैं, लेकिन गुटबाजी के चलते सूची दिल्ली में लटकी पड़ी है। मतलब साफ है कि अब एंटी हुड्डा खेमा रोड़े अटका रहा है। उनकी दलील है कि उनके प्रभाव वाले एरिया में उनकी पसंद-नापसंद से पदाधिकारी तय हों।
बहरहाल, कांग्रेस की तिकड़ी यानी तीन वरिष्ठ नेताओं की जुगलबंदी राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का केंद्र बन गई है। पूर्व सीएम व विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा 9 जुलाई को ‘विपक्ष आपके समक्ष’ कार्यक्रम भिवानी में करेंगे। कार्यक्रम में प्रदेश प्रभारी को भी आमंत्रित किया है। भूतपूर्व सीएम चौ. बंसीलाल के गढ़ में होने वाले इस आयोजन से किरण चौधरी का दूरी बनाना लगभग तय है।
बनेंगे नये समीकरण सैलजा, रणदीप व किरण के एक मंच पर आने से प्रदेश कांग्रेस की राजनीति में नये समीकरण बनेंगे। मीडिया के सवालों पर तीनों ने कहा कि वे प्रदेश के मुद्दों को लेकर एकजुट हैं। साथ ही कहा कि वे आगे भी साथ नज़र आएंगे। किरण की तारीफ करते हुए सैलजा ने कहा, पिछले चुनावों में किरण चौधरी के नेतृत्व में चुनावी घोषणा-पत्र कमेटी बनी थी और बहुत बढ़िया घोषणा-पत्र उन्होंने बनाया था। तीनों नेताओं की एकजुटता से साफ है कि संगठन में हिस्सेदारी के साथ-साथ टिकट आवंटन, चुनावी घोषणा-पत्र व कैम्पेन को लेकर भी आने वाले दिनों में बड़ा बखेड़ा हो सकता है।