फरीदाबाद, 16 नवंबर (हप्र)
शहीद भगत सिंह काॅलेज कैम्पस एनएच-3 में शहीद करतार सिंह सराभा के शहीदी दिवस पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। इसमें शहीद ए आजम भगत सिंह के पौत्र एवं ऑल इंडिया शहीद भगत सिंह ब्रिगेड के अध्यक्ष यादविंदर सिंह संधू ने युवा साथियों के साथ मिलकर शहीद करतार सिंह सराभा के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया। इस अवसर पर यादविंदर सिंह संधू ने बताया कि शहीद करतार सिंह सराभा शहीद भगत सिंह के प्रेरणा स्त्रोत थे और भगत सिंह उनका चित्र हमेशा अपने बटुए में रखा करते थे। शहीद करतार सिंह सराभा का जन्म 24 मई 1896 गांव सराभा जिला लुधियाना पंजाब में हुआ और उनकी शहीदी 16 नवंबर 1915 को लाहौर में मात्र 19 वर्ष की आयु में हंसते हुए फांसी का फंदे पर झुलते हुए हुई।
यादविंदर सिंह संधू ने बताया कि परिवार द्वारा करतार सिंह सराभा को अमेरिका में पढ़ने के लिए भेजा गया था, जहां पर उनकी मुलाकात सोहन सिंह बखाना जोकि गदर पार्टी व गदर पत्रिका के संस्थापक थे, से हुई। जिसके बाद वह क्रांतिकारी गतिविधियों में भाग लेने लगे। प्रथम विश्व युद्ध के दौरान करतार सिंह सराभा व अन्य क्रांतिकारियों ने इसे भारत को अंग्रेजों से आजाद कराने का सुनहरा अवसर माना। इसके चलते करतार सिंह सराभा भारत आए और सैनिक छावनियों में जाकर भारतीयों को मां भारती के लिए संघर्ष करने के लिए प्रेरित करने लगे और 21 फरवरी 1915 को विद्रोह करने के लिए तैयार किया।
पंजाब प्रांत की जिम्मेदारी उनपर थी, लेकिन अंग्रेजों को मुखबिरों के द्वारा इस योजना का पता चला जिसके बाद वे गिरफ्तार हो गए और 16 नवंबर 1915 में उनको फांसी दी गई। इस मौके पर विपिन झा, रणजीत सिंह,मोहम्मद शरीफ, मुकेश कपूर, रामबीर सांगवान, गुरचरण सिंह सहित कई लोग मौजूद थे।