Transport Regional Workshop : चंडीगढ़ में दो दिवसीय परिवहन क्षेत्रीय कार्यशाला, हरियाणा का 4-ई फार्मूला.... हर जिले में होंगे ट्रेनिंग स्कूल
ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 16 जून।
हरियाणा सरकार ने सड़क एवं परिवहन व्यवस्था में सुधार, दुर्घटनाओं को रोकने में नई तकनीक और डिजिटलीकरण का सहारा लिया जा रहा है। प्रदेश का परिवहन विभाग 4-ई के फार्मूले पर काम कर रहा है। इसके तहत सड़क दुर्घटनाओं को कम करने केलिए शिक्षा, प्रवर्तन, इंजीनियरिंग तथा आपातकाल और पर्यावरण पर विशेष फोकस किया जा रहा है।
सोमवार को केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा चंडीगढ़ में शुरू की गई दो दिवसीय परिवहन क्षेत्रीय कार्यशाला में बतौर मुख्यातिथि हरियाणा के परिवहन, बिजली व श्रम मंत्री अनिल विज ने हरियाणा का रोडमैप पेश किया। इस कार्यशाला में केंद्रीय मंत्रालय व एनआईसी सहित 12 राज्यों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। इनमें हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, जम्मू एवं कश्मीर, लदाख, दिल्ली तथा केंद्रशासित प्रदेश चंडीगढ़ शामिल हैं।
विज ने ड्राइविंग प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान हर जिले में स्थापित करने की कोशिश की जा रही है। फिलहाल रोहतक, बहादुरगढ़ (झज्जर), करनाल और कैथल में 4 आईडीटीआर संचालित हैं। भिवानी में आईडीटीआर का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है और शीघ्र ही इसे चालू कर दिया जाएगा। नूंह और फरीदाबाद में आईडीटीआर की स्थापना के लिए एक सामान्य वास्तुकार सलाहकार का चयन किया है। गुरुग्राम में क्षेत्रीय ड्राइविंग प्रशिक्षण केंद्र (आरडीटीसी) की स्थापना के लिए संशोधित लेआउट योजना को सरकार द्वारा अनुमोदित किया है। बाकी जिलों में आईडीटीआर की स्थापना का कार्य विभाग के विचाराधीन है।
इसी प्रकार ई-विस्तृत दुर्घटना रिपोर्ट पोर्टल केंद्रीय मंत्रालय की एक बेहतरीन पहल है। इसका उद्देश्य सड़क दुर्घटना डेटा एकत्रित करना, उसका विश्लेषण करके उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों की पहचान करना और सुधारात्मक उपाय सुझाकर देश-प्रदेश में सड़क सुरक्षा में सुधार करना है। इन दुर्घटनाओं के संभावित कारणों की पहचान करने के लिए एकत्रित डेटा का विश्लेषण किया जाता है। विज ने कहा कि ‘संजया’ पोर्टल एक लोकेशन इंटेलिजेंस और क्रैश-विजुअलाइजेशन प्लेटफॉर्म है।
इसे सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर रोड सेफ्टी, आईआईटी मद्रास ने केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के तत्वावधान में विकसित किया है। यह पोर्टल हितधारकों को उच्च आवृत्ति दुर्घटना हॉटस्पॉट और उभरते ब्लैक स्पॉट की पहचान करने और लक्षित हस्तक्षेप की योजना बनाने में सक्षम बनाता है। पोर्टल विशिष्ट दुर्घटना क्षेत्रों को ध्यान में रखते हुए कार्य योजनाओं के निर्माण की सुविधा प्रदान करता है, जिससे सड़क सुरक्षा में सुधार होता है।
कैशलेस उपचार योजना
विज ने कहा कि सड़क दुर्घटना पीड़ितों के लिए कैशलेस उपचार योजना-2025 एक अच्छी योजना है। केंद्रीय मंत्रालय ने दुर्घटना पीड़ितों को चिकित्सा उपचार के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए इस योजना की शुरूआत की है। इसके तहत सड़क दुर्घटना के पीड़ित दुर्घटना की तारीख से अधिकतम सात दिनों की अवधि के लिए 1.5 (डेढ़ लाख) रुपये तक का उपचार प्राप्त कर सकते हैं। योजना का उद्देश्य देशभर में सड़क दुर्घटना पीड़ितों को आवश्यक और समय पर चिकित्सा सहायता प्रदान करना और उनके परिवारों पर वित्तीय बोझ को कम करना है।
तकनीक का इस्तेमाल जरूरी
परिवहन मंत्री विज ने हाल ही में भारत-पाकिस्तान के युद्ध तथा वर्तमान में ईरान व इस्राइल युद्ध का जिक्र करते हुए कहा कि आज के युग में युद्ध भी तकनीक के आधार पर लड़ा जाता है। इसका बेहतरीन नमूना हाल ही में भारत की ब्रहमोस मिसाइल का है, जिसने पाकिस्तान में जाकर सटीक निशाने लगाए हैं। ईरान में इस्राइल ने तकनीक का सहारा लेते हुए ईरान के न्यूक्लियर वैज्ञानिकों को निशाना बनाया है। परिवहन प्रणाली को नियंत्रित करने व पारदर्शी बनाने के लिए तकनीक पर पूर्णतः उतरना होगा ताकि हमें यह पता रहे कि कौन सी गाडी किस प्रदेश में किस जगह पर किसी स्पीड से जा रही है।
2030 तक दुर्घटनाओं में 50 प्रतिशत कमी का लक्ष्य
भारत सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के सचिव वी़ उमाशंकर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कार्यशाला से जुड़े। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्रालय का लक्ष्य 2030 तक सड़क दुघर्टनाओं के मामलों में 50 प्रतिशत की कमी लाना है। देश के परिवहन क्षेत्र में नई पहल और अनेक सकारात्मक परिवर्तन हुए हैं। इसका देश के नागरिकों को लाभ मिला है। ट्रैफिक व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए देश के जिलों में अत्याधुनिक ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर खोलने के लिए केंद्र सरकार द्वारा ग्रांट दी जाती है।
उन्होंने प्रदेशों से आह्वान किया है कि वे इस ग्रांट का अधिक से अधिक उपयोग कर इन सेंटरों को जिला स्तर पर खोले। कार्यशाला में हरियाणा परिवहन विभाग के आयुक्त एवं सचिव टीएल सत्यप्रकाश, परिवहन आयुक्त अतुल कुमार, हरियाणा पुलिस के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ट्रैफिक) एचएस दून, भारत सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अधिकारी और 12 राज्यों के परिवहन विभाग व एनआईसी के प्रतिनिधि भी मौजूद रहें।