हरियाणा में असिस्टेंट प्रोफेसरों की ट्रांसफर ड्राइव शुरू
4 से 10 दिसंबर के बीच शिक्षक अपने रिकॉर्ड में सुधार या किसी भी डेटा संबंधी आपत्ति दर्ज करा सकेंगे। अगले चरण में 19 से 25 जनवरी तक उम्मीदवार अपनी प्राथमिकताएं (चॉइस फिलिंग) भरेंगे। जिन पदों पर रिक्तियाँ बची रहेंगी, उनके लिए 31 जनवरी से 2 फरवरी तक अलग से चॉइस फिलिंग कराई जाएगी। 5 फरवरी को ट्रांसफर ऑर्डर जारी कर दिए जाएंगे। सरकार ने इस बार ओटीपी आधारित वेरिफिकेशन को हर चरण में अनिवार्य किया है, जिससे किसी भी प्रकार की मानवीय त्रुटि या बाहरी हस्तक्षेप की संभावना समाप्त हो सके।
यह नीति उन विषयों पर लागू होगी, जिनमें 80 या उससे अधिक स्वीकृत पद हैं। विभाग का मानना है कि नई व्यवस्था से कॉलेजों में जहां शिक्षक वर्षों से एक ही जगह टिके हुए हैं, वहां रोटेशन की पारदर्शी व्यवस्था बनेगी। साथ ही, जिन संस्थानों में स्टाफ की कमी थी, वहां विषयवार बैलेंसिंग सुनिश्चित होगी। सरकार का लक्ष्य है कि हर साल नियमित सामान्य ट्रांसफर ड्राइव आयोजित की जाए, जिसमें प्रत्येक पद के लिए 12 से 60 महीने का कार्यकाल मान्य होगा। नई ड्राइव को उच्च शिक्षा में प्रशासनिक सुधारों की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयोग माना जा रहा है।
