सफीदों, 13 जुलाई (निस)
जिले के मिर्चपुर गांव के दिव्यांग राजबीर का गंगा स्नान का सपना उसकी बेटी ज्योति ने पूरा कर दिया। वह अपने भाई शुभम के साथ पिता को व्हीलचेयर पर हरिद्वार लेकर गई जहां हर की पौड़ी पर उसने पिता को गंगा स्नान कराया और उनके स्वास्थ्य लाभ के लिए गंगा मैया से मन्नत मांगी। पिता के गले में गंगाजल की दो छोटी बोतल लटकाई और चल दी। हरिद्वार से वापसी पर बुधवार देर रात सफीदों में कांवड़ियों में ज्योति हिम्मत और पितृभक्ति की मिसाल बन गई। ज्योति ने बताया कि उसके पिता के पैर काम नहीं करते हैं। उसकी मां भी 2 वर्ष से ज्यादा समय से बीमार है। उसने बीए तक पढ़ाई की। इसके बाद पढाई छोड़नी पड़ी क्योंकि उसके माता व पिता की बेहतर देखरेख को उसे घर पर रहना था। ज्योति ने कांवड़ियों की भीड़ पर टिप्पणी करते हुए कहा कि जो लोग माता-पिता की सेवा नहीं करते उन्हें कावड़ लाने का कोई अधिकार नहीं और इससे उन्हें कोई फायदा भी होने वाला नहीं है। उसने कहा कि यही स्थिति शिविर सेवकों पर भी लागू होती है माता-पिता की सेवा करने वाले ही शिव भक्तों की सेवा करें तो लाभकारी है।
‘बेटे से बढ़कर बेटी’
राजबीर ने कहा कि ज्योति उसके लिए बेटे से बढ़कर है। उसने बताया कि उसके कपड़े तथा उसे नहलाने व टहलाने का सारा काम ज्योति ही करती है। परमपिता उसे लंबा सुखी जीवन दे।