धींगामस्ती करने वाले आज किलोई भी नहीं जीत सकते : अरविंद शर्मा
हरियाणा के सहकारिता, कारागार, निर्वाचन, विरासत व पर्यटन मंत्री डॉ अरविंद शर्मा ने कांग्रेस पर सीधा हमला बोला और कहा कि “जो लोग दशकों तक बूथ कब्जा, फर्जी मतदान और दबंगई की राजनीति करके चुनाव जीतते रहे, आज वही चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठा रहे हैं। अगर कांग्रेस धींगामस्ती छोड़ दे, तो किलोई से भी चुनाव जीतना उनके लिए नामुमकिन है।”
डॉ शर्मा ने कहा कि कांग्रेस नेताओं ने न कभी संविधान का सम्मान किया और न ही लोकतांत्रिक परंपराओं का। लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी संविधान की प्रति लेकर यह कहते घूमते रहे कि भाजपा सत्ता में आई तो संविधान बदल जाएगा। “लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार संविधान और संवैधानिक संस्थाओं को और मजबूत कर रही है।”
जीत पर सब ठीक, हार पर आयोग और ईवीएम खराब
कैबिनेट मंत्री ने तंज कसते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव में जब कांग्रेस ने हरियाणा की पांच सीटें जीतीं, तब न तो उन्हें चुनाव आयोग पर कोई आपत्ति थी और न ही ईवीएम पर। लेकिन जैसे ही विधानसभा चुनाव में हार मिली, आयोग और ईवीएम दोनों पर सवाल उठाने लगे।
उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर निशाना साधते हुए कहा—“आज वही कांग्रेस नेता चुनाव आयोग पर अंगुली उठा रहे हैं, जिन्होंने सत्ता में रहते हुए गरीब और वंचित मतदाताओं को वोट डालने से रोका। यह उनका पुराना तरीका है—जीत मिले तो आयोग महान, हार मिले तो दोष आयोग और मशीनों पर।”
कांग्रेस की लड़ाई जनता की नहीं, कुर्सी की है
शुक्रवार से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र पर बोलते हुए डॉ शर्मा ने कहा कि कांग्रेस का जनहित और विकास से कोई सरोकार नहीं है। कांग्रेस केवल सत्ता की कुर्सी और नेता प्रतिपक्ष की कोठी की लड़ाई लड़ रही है। वहीं, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में सरकार हर वर्ग और हर समुदाय के उत्थान के लिए काम कर रही है।
डॉ शर्मा ने कहा कि कांग्रेस की राजनीति अब जनसरोकारों से कट चुकी है और लोगों को गुमराह करने तक सिमटकर रह गई है। उन्होंने दावा किया कि जनता कांग्रेस की इस दोहरी चाल को समझ चुकी है और अब बार-बार इनके झांसे में नहीं आने वाली।