प्रथम शर्मा/रोहित विद्यार्थी/हप्र/ निस
झज्जर, 29 नवंबर
दिल्ली कूच के चौथे दिन रविवार को भी किसानों का आंदोलन लगातार जारी रहा। टिकरी बार्डर पर किसान डटे हुए हैं। सड़क पर किसानों की ट्रैक्टर ठ्रालियों की लंबी-लंबी लाइनें लग चुकी हैं। टिकरी बार्डर से 10 किलोमीटर बहादुरगढ़ की तरफ सड़क के दोनों तरफ किसानों के ट्रैक्टर ट्रालियां खड़ी हैं। करीब 25 हजार से भी कहीं ज्यादा किसानों का झज्जर जिले से लगते टिकरी बॉर्डर पर जमावड़ा है।
हरियाणा और पंजाब के अलग-अलग गांवों से किसान खुद से राशन की व्यवस्था कर यहां पहुंचे हैं। बहादुरगढ़ दिल्ली बार्डर पर एकजुट होकर आंदोलन कर रहे किसानों के लिए नगर परिषद ने पीने और नहाने के पानी की व्यवस्था कर दी है। सुविधा के लिए चल शौचालय भी लगा दिए गए हैं। किसान नेताओं ने आंदोलन के चौथे दिन भी ये साफ कर दिया है कि जब तक उनकी मांग नहीं मानी जाती तब तक वो दिल्ली के रास्तों से नहीं हटेंगे। दिल्ली पुलिस ने उनका दिल्ली जाने का रास्ता बंद किया है तो किसान दिल्ली जाने वाले रास्तों पर ही डेरा डालकर बैठ गए हैं। सड़क किनारे की सर्द रातों में नींद ले रहे हैं। सुबह उठकर उसी सड़क पर खाना बनाते हैं और फिर सरकार के खिलाफ नारेबाजी में जुट जाते हैं। जो किसान खेतों में हल चलाकर धरती का सीना चीरकर देश के लिए अन्न उगाता है वही किसान अब सड़क पर बैठकर रोटियां बेल रहा है। देर शाम को जिला प्रशासन ने भी किसानों की मदद और प्रशासनिक व कानून व्यवस्था बनाने के लिए चार सेक्टर मजिस्ट्रेट लगा दिए हैं।
ट्रैक्टर ठीक करने आये मैकेनिक की जलने से मौत
बहादुरगढ़ (निस) : बहादुरगढ़ बाईपास क्षेत्र में एक व्यक्ति की कार में झुलसने से मौत हो गई। मृतक ट्रैक्टर मैकेनिक था। बताया जा रहा है कि वह ट्रैक्टर रिपेयर कर अपनी गाड़ी में ही सो गया था। देर रात गाड़ी में शार्ट-सर्किट हुआ तो वह उसमें झुलस गया जिसके चलते गाड़ी के अंदर ही उसकी मौत हो गई। सेक्टर-9 चौकी पुलिस ने इस मामले में घटना को हादसा मानते हुए कार्रवाई की है। पुलिस अधीक्षक राजेश दुग्गल ने बताया कि मृतक जनक राज वासी जिला बरनाला अपने साथियों हरप्रीत, गुरप्रीत, गुरजंट के साथ किसान आंदोलन में शामिल था। नजफगढ़ फ्लाईओवर के पास खराब हुए ट्रैक्टर को ठीक करने के बाद रात्रि करीब साढ़े 11 बजे वह मैकेनिक अपनी गाड़ी में सो गया था व जलने से मौत हो गयी।
मदद को आगे आया रेडक्रास
प्रशासन ने रेडक्रास की मदद से मेडिकल बूथ भी लगा दिया है, जहां दो फार्मासिस्ट लोगों को दवाइयां दे रहे है। कुछ वांलिटियर भी खुद के खर्च से दवाईयां लेकर बीमार और चोटिल किसानों को दे रहे हैं। सामाजिक कार्यकर्ता गुरमित सिंह अपनी बेटी के साथ एमआईई एरिया में सड़क किनारे बैठ कर किसानों को दर्द और ऐसिडिटी की दवाइयां बांटी।