रोहतक, 18 मई (निस)
पीजीआई के चिकित्सकों ने 4 साल की एक मासूम बच्ची के मुंह में फंस चुके टिफन को निकाल कर उसे नया जीवन दिया। पीजीआई के मैक्सिलो एंड फैसियल सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. वीरेंद्र की टीम, निश्चेतन विभाग से डॉ टीना की टीम व न्यूरोसर्जरी विभाग से डॉ. वरुण की टीम के चिकित्सकों ने यह करके दिखाया है।
डॉ. वीरेन्द्र सिंह ने बताया कि जींद जिले के जुलाना निवासी अपनी 4 साल की बेटी को लेकर धनवंतरी एपेक्स ट्रॉमा सेंटर पहुंचे। बच्चे के परिजनों ने बताया कि उनकी बच्ची बेड से अचानक नीचे गिर गई और नीचे रखे टिफन में उसका मुंह बुरी तरह से धंस गया। जब चिकित्सकों ने बच्ची की जांच की तो पाया कि खाना खाने का टिफिन बच्ची के सिर और जबड़े में फंसा हुआ था। वही टिफिन में साबुन की टिकिया भी मौजूद होने से बच्चे को सांस लेने में भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। टिफिन का काफी हिस्सा माथे में व जबड़े में फंस चुका था। यदि टिफिन को ड्रिल से काटा जाएगा तो उसके कंपन से बच्ची के सिर को गंभीर नुकसान पहुंच सकता है और उसकी जान पर बन सकती है। साथ ही बच्ची को एनेस्थीसिया देना भी संभव नहीं था। डॉ. वीरेंद्र ने बताया कि तीनों विभागों की टीम ने एकजुटता के साथ धातु बर्स व धातु डिस्क की सहायता से टिफन को दो हिस्सों में काटने का निर्णय लिया ताकि वाइब्रेशन दिमाग के हिस्से को ज्यादा नुकसान न पहुंचा पाए और बीच में से टिफन को काटकर दो हिस्सों में बांटा गया। जबड़े के साइड मे फंसे टिफन को बीच से काटकर पहले उसे निकाला गया जिसके बाद उस में फंसी साबुन की टिकिया को भी निकाल लिया गया। डॉ. वीरेंद्र ने बताया कि इसके बाद बच्चे को एनेस्थीसिया दिया जिसके बाद उसके माथे में फंसे टिफन को बाहर निकालकर बच्चे की जान को बचाया गया। डॉ. टीना ने बताया कि यह अपनी तरह का एक अलग ही केस था जिसे चिकित्सकों ने सफलता से पूरा किया।