बाढड़ा, 23 जून (निस)
भाकिूय जिला कार्यकारिणी ने आपात बैठक आयोजित कर सरकार द्वारा तेल मूल्यवृद्धि व उपमंडल क्षेत्र में बिजली आपूर्ति में कमी कर अघोषित कट लगाने एवं खरीफ सीजन का बकाया मुआवजा जारी न करने सरकार को दो दिन का अल्टीमेटम देते तीनों मांगों का समाधान करने की अपील की तथा सुध न लेने पर बिजली विभाग के एसडीओ कार्यालय का घेराव करने की चेतावनी दी। बैठक के बाद सभी पदाधिकारियों ने उपमंडल अधिकारी कार्यालय पहुंच कर एसडीएम शंभु राठी को ज्ञापन दिया तथा क्षेत्र की जनहित की मांगों को तुरंत समाधान करने का आह्वान किया।
भाकियू अध्यक्ष धर्मपल बाढड़ा की अध्यक्षता में आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए भाकियू महासचिव हरपाल भांडवा ने कहा कि केन्द्र सरकार तेल मूल्यों में लगातार वृद्धि कर रही है जिससे सभी घरेलू सामान की दरें आसमान छू रही हैं। कस्बे में बिजली आपूर्ति की अघोषित कटौती प्रमुख समस्या बन चुकी है, जिससे आमजन को बिजली पानी के लिए दर दर भटकना पड़ रहा है। किसान संगठन ने जिला प्रशासन से दो दिन में बाढड़ा क्षेत्र की बिजली आपूर्ति में सुधार न करने पर बिजली विभाग के एसडीओ कार्यालय का बेमियादी आंदोलन करने का एलान किया।
स्वीकार नहीं कम मुआवजा
उपमंडल क्षेत्र में पहले ही सरसों के सत्रह करोड़ मुआवजे में शर्तें थोपकर आधे से ज्यादा राशि वितरण होने से बाधित है, वहीं अब कपास की फसल की भारी भरकम प्रीमियम वसूल कर निजी कंपनियों औने-पौना मुआवजा जारी कर रही हैं और इस धांधली को किसी सूूरत में स्वीकार नहीं किया जाएगा। इस दौरान पिछले वर्ष की खरीफ सीजन की बर्बाद हुई कपास की फसलों का तुरंत मुआवजा जारी करने व रबी सीजन का बकाया मुआवजा देने की मांग की। उनके अलावा किसान नेता गिरधारी मोद, सूबेदार चंद्रपाल चांदवास, रणधीर सिंह हुई, जितेन्द्र डांडमा, सतबीर बाढड़ा, जोतराम, प्रेम भारीवास, अशोक जीतपुरा इत्यादि मौजूद थे।
मरने वाले किसानों के लिए एक करोड़ मुआवजा मांगा
रोहतक (निस) : भारतीय किसान यूनियन की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कांता आलड़िया ने कहा कि किसान जमीन नहीं अपना जमीर बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं और यह तीन काले कानून रद्द नहीं हुए तो देश पूंजीपतियों का गुलाम बन जाएगा। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार किसानों के प्रति गंभीर नहीं है, अगर गंभीर होती तो पिछले सात महीने से अपना परिवार छोड़कर किसानों को आंदोलन नहीं करना पड़ता। उन्होंने सरकार से आंदोलन के दौरान मरने वाले किसानों को शहीद का दर्जा, एक करोड़ मुआवजा व आश्रितों को नौकरी देने की भी मांग की। यह बात उन्होंने बुधवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए कही। कांता आलडिया ने कहा कि किसानों की अनदेखी सरकार को भारी पड़ेगी और पश्चिमी बंगाल की तरह पूरे देश में जहां चुनाव होंगे भाजपा को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
भाकियू राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने राजस्थान के अलवर में मेडिकल कॉलेज में नर्सिंग भर्ती में हुए भ्रष्टाचार उजागर होने के बाद बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय में भी नियुक्ति पर सवाल उठाया और मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग की।
26 को राजभवन का घेराव कर देंगे ज्ञापन
भिवानी (हप्र) : देश के किसान- मजदूर जहां सरकार की प्रताड़ना झेल रहे हैं, वहीं भगवान राम को भी सत्ता के दलालों ने नहीं बख्शा। ये बात जनवादी महिला समिति की उपाध्यक्ष उपासना ने कितलाना टोल पर चले रहे किसानों के अनिश्चितकालीन धरने को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि इससे बड़ी विडंबना क्या होगी जब देश में सत्ता के लुटरों ने लोगों की आस्था पर सरेआम डाका डाल दिया हो और सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी हो। उन्होंने कहा कि तीन काले कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के आंदोलन में महिलाएं बराबर की सहयोगी हैं। भीमराव आंबेडकर व चौधरी छोटूराम विचार मंच के संयोजक गंगाराम श्योराण ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर 26 जून को किसान आंदोलन के सात महीने पूरे होने पर चंडीगढ़ में राज्यपाल भवन का घेराव कर अपनी मांगों का ज्ञापन देंगे। इस अवसर पर सुरेन्द्र कुब्जानगर, कामरेड ओमप्रकाश, राजू मान, राजकुमार हड़ौदी, राज सिंह बिरही, मास्टर कर्ण सिंह, कप्तान रामफल इत्यादि मौजूद रहे।
भाजपा बैठक का काले झंडों से विरोध करेंगे किसान
हिसार (हप्र) : खरीफ 2020 जलभराव, ओलावृष्टि, सफेद मक्खी, अंधड़ से बर्बाद हुई फसलों की गिरदावरी अनुसार मुआवजा, गेहूं की फसल का भुगतान, नहरों में पानी, जल घरों और जोहड़ों में पीने का पूरा पानी मिले, बीमा कम्पनी एवं कृषि विभाग पर धोखाधड़ी का केस दर्ज करनेे आदि मांगों को लेकर उपायुक्त कार्यालय पर चल रहा बेमियादी धरना आज 57वें दिन में प्रवेश कर गया। आज धरने की अध्यक्षता बलराज व उमेद सिंह धानिया ने संयुक्त रुप से की व संचालन जिला सचिव सतबीर धायल ने किया। धरने को संबोधित करते हुए संयुक्त किसान मोर्चा के प्रवक्ता श्रद्धानंद राजली ने कहा कि 24 जून को होने वाली राज्य भाजपा कार्यकारिणी की बैठक जिसमें मंत्री, विधायक व भाजपा नेता भाग लेंगे, इस बैठक का किसान काले झंडे दिखाकर विरोध करेंगे। इसमें धरनास्थल से जिला प्रधान शमशेर सिंह नम्बरदार, बाडो पट्टी टोल से राजू भगत, मैय्यड़ टोल से कुलदीप खरड़, चौधरीवास टोल से सोमवीर पिलानिया व लांधड़ी टोल से संदीप सिवाच के नेतृत्व में हजारों किसान काले झंडों के साथ विरोध प्रदर्शन करेंगे। जिला अध्यक्ष शमशेर सिंह नंबरदार ने कहा कि जल भराव में जो फसलें बर्बाद हुई थीं, उसका आंकलन प्रशासन अब करवा रहा है और सरकारी एजेंट गांव-गांव जाकर किसानों को कह रहे हैं कि मुआवजा का हिस्सा दोगे तो आपको पूरा मुआवजा दिलवाएंगे नहीं तो एक पैसा भी मुआवजा नहीं मिलेगा। जिला सचिव सतबीर धायल ने कहा कि कल धरनास्थल पर कबीर जयंती मनाई जाएगी। धरने को सूबेसिंह बूरा, भूपेन्द्र यादव, धर्मबीर ठोलेदार, रामफल, अजीत, राममेहर, राहुल खटक, विरेन्द्र सिंह बागौरिया, रातबीर हरिता, धर्मबीर, किशोरीलाल गंगवा, बिजेन्द्र, हर्षदीप वकील, मेघराज, बलजीत, ऋषिकेश आदि ने संबोधित किया।
‘किसान आंदोलन ने कारपोरेट परस्त चेेहरा किया उजागर’
भिवानी (हप्र) : अखिल भारतीय किसान सभा तहसील भिवानी का सम्मेलन जिला प्रधान करतार ग्रेवाल की अध्यक्षता में स्थानीय महम रोड स्थित कार्यालय में हुआ, जिसमें किसान नेताओं ने उपस्थित प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि किसान आंदोलन ने सरकार का असली कारपोरेट परस्त चेेहरा उजागर किया है। यह देश का पहला आंदोलन है जो मुद्दों पर आधारित है, जिसमें तीनों कृषि कानून व बिजली बिल 2020 को वापस लेने, एमएसपी पर गारंटी कानून बनाने व लेबर कोर्ट को रद्द करने आदि मुद्दे केंद्र में हैं। यह आंदोलन मेहनतकश वर्ग की एकता की जरूरत को उजागर करता है जो खेती बचाओ, लोकतंत्र बचाओ व मजदूरों के अधिकार बचाओ के नारे के साथ देशभर में ही नहीं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी छाप छोड़ रहा है। सम्मेलन में राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष का. कृष्ण प्रसाद, राज्य महासचिव सुमित दलाल, किसान नेता मा. शेर सिंह आर्य भी शामिल हुए। जिला उप प्रधान का. ओम प्रकाश ने बताया कि 24 जून को कितलाना टोल प्लाजा पर कबीर जयंती मनाई जायेगी जो जातिवाद व साम्प्रदायिकता व अंधविश्वासों पर करारा जवाब देती है तथा 26 जून को राजभवन चंडीगढ़ पर प्रदर्शन कर खेती बचाओ लोकतंत्र बचाओ के नारे को बुलंद किया जायेगा, जिसमें भिवानी से बड़ी संख्या में किसान शामिल होंगे।
कार्यकारिणी का चुनाव : सम्मेलन में सर्वसम्मति से तहसील कार्यकारिणी का भी चुनाव किया गया, जिसमें प्रधान राज कुमार दलाल घुसकानी, उप-प्रधान नरेंद्र नाथुवास व करतार दिनोद, सचिव प्रताप बड़ाला, कोषाध्यक्ष निर्मल नाथुवास, संगठन सचिव कृष्ण फौजी धनाना व प्रेस सचिव केके शर्मा बापोड़ा को चुना गया।