सोनीपत, 28 अगस्त (निस)
बसताड़ा टोल पर किसानों पर पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज और गिरफ्तारी से भड़के किसानों ने केएमपी व केजीपी के जीरो प्वाइंट और एनएच-44 के प्रीतमपुरा के सामने जाम लगा दिया। इससे करीब 7-8 किलोमीटर दूर तक वाहनों की कतारें लग गईं। देर शाम पुलिस द्वारा किसानों को रिहा करने करने की सूचना के बाद जाम खोला गया। हालांकि, यातायात को सुचारू करने में कई घंटे लग गए।
बसताड़ा की घटना की जानकारी मिलते ही संयुक्त किसान मोर्चा के वरिष्ठ सदस्य दर्शन पाल ने बयान जारी किया कि जो किसान जिस किसी भी रोड के पास हैं या जिस किसी भी टोल के पास हैं, वे वहां रोड जाम कर दें। रोड जाम शाम 5 बजे तक करना है। आगे के लिए संयुक्त किसान मोर्चा बैठक कर फैसला लेगा। भाकियू नेता गुरनाम चढ़ूनी ने भी वीडिया जारी कर किसानों को अपने नजदीकी हाईवे और टोल पर पहुंचकर जाम लगाने की अपील की। इसके बाद किसान सड़कों पर उतर आए। किसानों ने एनएच-44 पर प्रीतमपुरा के पास जाम लगा दिया। इससे यातायात ठप हो गया।
उसके बाद काफी संख्या में किसान केजीपी-केएमपी के जीरो प्वाइंट पर आकर बैठ गए। केजीपी-केपीएम पर जाम लग गया। किसान केएमपी के गुरुग्राम की ओर के पहले टोल पर पहुंचे और वहां भी जाम लगा दिया। इससे केएमपी, केजीपी और एनएच-44 पर जाम लग गया। किसानों ने एंबुलेंस व दोपहिया वाहनों को भी नहीं निकलने दिया। इससे वाहन चालकों के साथ किसानों की बहस हुई। जाम में फंसी महिलाओं व बच्चों को भी परेशानी उठानी पड़ी और घंटों गर्मी के बीच सड़क पर खड़े रहकर इंतजार करना पड़ा। शाम होते-होते एनएच-44 और केजीपी-केएमपी पर कई राज्यों के हजारों वाहन फंस गए।
पुलिस ने रूट किए डायवर्ट
वाहनों की लंबी कतारें लगने के बाद पुलिस हरकत में आई और रूट डायवर्ट कर यातायात को नियंत्रित करने का प्रयास किया। केएमपी के वाहनों को पीपली टोल पर रोक कर नीचे उतार दिया और उसे खरखौदा होते हुए आगे के लिए रवाना कर दिया। केजीपी पर चढ़ने वालों के लिए भी रास्ता खाली देखकर यातायात को सुचारू कर दिया। जाम बढ़ने पर बहालगढ़ से यातायात को बगापत होकर निकाला गया।
किसानों के रिहा होने पर उठे किसान
करीब 7 बजे केजीपी-केएमपी के जीरो प्वाइंट और पहले टोल पर बैठे किसानों के पास करनाल पुलिस द्वारा पकड़े गए किसानों को रिहा करने की सूचना मिलने पर शाम करीब 7.15 बजे किसानों ने जाम खोल दिया। उसके बाद केजीपी-केएमपी और एनएच-44 पर यातायात बहाल गया।
ऐसी कार्रवाई अस्वीकार्य : एसकेएम
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने कहा कि वह करनाल में प्रदर्शन कर रहे किसानों पर पुलिस की बर्बरता की निंदा करता है। एसकेएम पुलिस को किसानों का सिर फोड़ने का आदेश देने वाले एसडीएम आयुश सिंहा को तत्काल बर्खास्त करने की मांग करता है। एसकेएम ने कहा कि मुख्यमंत्री के एक कार्यक्रम के संदर्भ में स्थानीय किसानों द्वारा काले झंडे से विरोध किया जा रहा था। यह घटना लोकतंत्र के लिए अपमान और शर्म की बात है। उन्होंने कहा कि करनाल में हुआ जलियांवाला बाग दोगुना शर्मनाक है। एसकेएम ने चेतावनी दी है कि किसान पीछे नहीं हटेंगे और सरकार आंदोलन को दबा नहीं सकती। दमन के प्रयास किसानों के संकल्प, शांतिपूर्ण आंदोलन को और मजबूत करेंगे। आने वाले दिनों में संघर्ष और तेज होगा।