चंडीगढ़, 25 जुलाई (ट्रिन्यू)
हरियाणा सरकार की बेहतर ट्रांसफर पॉलिसी के बावजूद प्रदेश के 6000 से अधिक शिक्षक अस्थाई नियुक्ति पर बैठे हैं। इन शिक्षकों के अस्थाई पदों पर होने की सबसे बड़ी वजह यह है कि पिछले तीन वर्षों से शिक्षा विभाग ट्रांसफर ड्राइव ही नहीं चल पाया है। जिसे लेकर हरियाणा स्कूल लेक्चरर्स एसोसिएशन के पूर्व राज्य प्रधान दयानंद दलाल का कहना है कि शिक्षा विभाग की बेहतर तबादला नीति इच्छाशक्ति की वजह से दम तोड़ने लगी है।
उन्होंने बताया कि इस समय करीब 1100 प्रिंसिपल, टीजीटी से पदोन्नत हुए करीब 2039 पीजीटी, लगभग 1000 से अधिक हाई स्कूल हेड मास्टर और करीब 1922 मौलिक स्कूल हेड मास्टर आदि शामिल हैं। दलाल ने बताया कि वर्ष 2016 में यह नीति पहली बार लागू हुई थी। जिसे लागू करने के लिए हसला संगठन ने आगे बढ़कर समर्थन किया था। इसके लिए हर मोर्चे पर सरकार का साथ दिया था। उस समय सरकार ने संगठन को आश्वासन दिया था कि इस नीति के लागू होने के बाद तबादलों को वार्षिक फीचर बनाया जाएगा। प्रति वर्ष इसमें अपेक्षित संशोधन किए जाएंगे। गत छह वर्षों में महज तीन बार ही इस नीति के तहत तबादले हुए। संगठन द्वारा समय-समय पर जोन प्रारूप, कैप्ट वेकेंट पोस्ट सहित अन्य मुद्दों को लेकर दिए गए सुझावों को लागू नहीं किया गया है। दलाल ने कहा कि पंचायत चुनाव से पूर्व होने वाले तबादलों पर अनेक प्रकार की अड़चनें लगी हुई हैं, जो दुर्भाग्यपूर्ण है।