चंडीगढ़, 12 अप्रैल (ट्रिन्यू)
खेल कोटे से चतुर्थ श्रेणी के पदों पर नौकरी कर रहे कई कर्मचारियों पर गाज गिर सकती है। इन्हें नौकरी से हटाया जा सकता है। विभाग के पास लगातार ऐसी शिकायतें आई हैं कि कई खिलाड़ी फर्जी खेल ग्रेडेशन सर्टिफिकेट के आधार पर ग्रुप-डी के पदों पर भर्ती हुए हैं। अब विभाग ने निर्णय लिया है कि खेले कोटे के तहत नौकरी की डिमांड कर रहे खिलाड़ियों के सर्टिफिकेट वेबसाइट पर अपलोड होंगे। सर्टिफिकेट पब्लिक डोमेन में आने के बाद कोई भी व्यक्ति इन सर्टिफिकेट को देखकर गड़बड़ी की स्थिति में शिकायत कर सकेगा। आरोप साबित होने पर न सिर्फ नौकरी जाएगी, अपितु संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी होगी। नई खेल ग्रेडेशन नीति के तहत ग्रेडेशन सर्टिफिकेट पूरी पारदर्शिता के आधार पर जारी किए जाएंगे। इससे फर्जीवाड़े पर अंकुश लगेगा। साथ ही खेल कोटे से योग्यता रखने वालों को नौकरी मिलने का रास्ता साफ होगा। विभाग ने नई खेल ग्रेडेशन नीति के तहत तकरीबन 455 संभावित खेल नर्सरियों को सूचीबद्ध किया है।
इस सूची में 170 सरकारी विद्यालयों, 157 निजी शिक्षण संस्थानों, 81 निजी खेल प्रशिक्षण केंद्र व 47 राजीव गांधी ग्रामीण खेल परिसर शामिल हैं। ग्रुप-डी की भर्ती में हुए ग्रेडेशन सर्टिफिकेट फर्जीवाड़े की शिकायतों की विजिलेंस जांच रही है। खेल निदेशक पंकज नैन का कहना है कि झूठे खेल प्रमाण बनवाने की शिकायतों के दृष्टिगत विभाग द्वारा यह निर्णय लिया गया है।