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चैत्र नवरात्र का शुभारंभ इस बार स्वार्थ सिद्धि योग में : आचार्य त्रिलोक

जगाधरी, 28 मार्च (हप्र) कल यानी 30 मार्च से चैत्र नवरात्रों का शुभारंभ हो रहा है। इसे लेकर श्रद्धालुओं ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। प्राचीन सूर्यकुंड मंदिर अमादलपुर के आचार्य त्रिलोक शास्त्री महाराज ने बताया हिंदू धर्म में नवरात्र...
आचार्य त्रिलोक शास्त्री
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जगाधरी, 28 मार्च (हप्र)

कल यानी 30 मार्च से चैत्र नवरात्रों का शुभारंभ हो रहा है। इसे लेकर श्रद्धालुओं ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। प्राचीन सूर्यकुंड मंदिर अमादलपुर के आचार्य त्रिलोक शास्त्री महाराज ने बताया हिंदू धर्म में नवरात्र के पर्व का विशेष महत्व है। चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से चैत्र नवरात्र शुरू हो जाती है। उन्होंने बताया कि इस नवरात्रों का शुभारंभ स्वार्थ सिद्धि योग में हो रहा है। इसके अलावा इंद्र योग भी बन रहा है जो बहुत ही पवित्र व पुण्यदायक है।

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त्रिलोक शास्त्री का कहना है कि नवरात्र पर मां दुर्गा की नौ अलग -अलग स्वरूपों की विधि विधान के साथ पूजा अर्चना की जाती है। रविवार को नवरात्र का शुभारंभ प्रतिपदा तिथि पर घटस्थापना के साथ होगा। आचार्य त्रिलोक महाराज शक्ति पीठाधीश्वर ने बताया कलश स्थापना के दौरान कुछ महत्वपूर्ण नियमों का पालन करना आवश्यक होता है। उन्होंने बताया कि पूजा स्थल को पहले गंगाजल से शुद्ध करें और वहां लाल या पीले कपड़े का आसन बिछाएं। कलश सोने, चांदी, तांबे या मिट्टी का चुनें।

घटस्थापना का शुभ मुहूर्त 30 मार्च को सुबह 6.13 से 10.22 बजे तक रहेगा। उन्होंने बताया कि अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12.1 से 12.50 बजे तक रहेगा। त्रिलोक का कहना है कि इस दौरान कलश स्थापित कर मां दुर्गा का आह्वान किया जाता है जिससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

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