कुरुक्षेत्र, 8 दिसंबर (हप्र)
विश्व की प्राचीनतम संस्कृति का देश भारत वर्ष है। हमारी कुछ भूलों के कारण यह देश बंटता रहा है और आज छोटे से देश के रूप में आ गया है। यह बात प्रखर राष्ट्रीय चिंतक डा. इंद्रेश कुमार ने प्रेरणा वृद्धाश्रम में आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि कहे। उन्होंने आश्रम में नवनिर्मित मंदिर का लोकार्पण किया।
धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में देश के विभिन्न राज्यों से अपने परिवारों द्वारा नकारे गए वृद्धों की अंतिम इच्छा का सम्मान करते हुए प्रेरणा वृद्धाश्रम में बने मंदिर में माँ दुर्गा व अन्य देवी देवताओं की मूर्तियों की चार दिवसीय अनुष्ठान के उपरांत प्राण प्रतिष्ठा विधिवत मंत्रोच्चारण के साथ की गई। इस मौके पर इंद्रेश कुमार ने मुख्यातिथि के तौर पर शिरकत की तथा थानेसर के विधायक सुभाष सुधा ने अध्यक्षता की। डा. इंद्रेश कुमार, विधायक सुभाष सुधा एवं अतिथियों ने शहीद स्मारक पर पुष्प अर्पण किए और परिसर में रुद्राक्ष का पौधा लगाया। मुख्यातिथि एवं अन्य अतिथियों के द्वारा जयभगवान सिंगला के द्वारा लिखी गई पुस्तक दैवीय चमत्कार मैं और मेरा परिवार एवं डा. केवल कृष्ण द्वारा प्रकाशित संस्कार चेतना मासिक पत्रिका का भी विमोचन किया गया।