कितने ‘आदर्श’ हैं माननीयों के गांव
राष्ट्रपति से लेकर अनेक निर्वाचित जनप्रतिनिधि बड़े चाव से गांव को गोद लेते हैं। ताम-झाम के साथ घोषणा भी करते हैं, लेकिन आदर्श ग्राम योजना के तहत जनप्रतिनिधि गांवों को गोद लेकर भूल से गए हैं। ‘माननीयों’ के गोद लिए गांव कहां तक और कितने ‘आदर्श’ हैं? उनकी हकीकत पर ग्राउंड रिपोर्ट शृंखला के तहत आज पेश है सांसद नायब सिंह सैनी के गोद लिए गांव गुमथला का हाल।
– संपादक
नाभ सिंह मलिक/निस
रादौर, 27 मई
बड़ी उम्मीदें जगी थीं कि अब गांव का ऐसा विकास होगा कि यह मॉडल बन जाएगा, लेकिन समस्याएं वैसी की वैसी। गांव के पालनहार आए, आश्वासन भी मिले, लेकिन समस्याएं मुंह बाए खड़ी हैं। कहानी है गुमथला गांव की। प्रधानमंत्री सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत कुरुक्षेत्र के सांसद नायब सिंह सैनी ने रादौर उपमंडल के गांव गुमथला को गोद लिया था। गोद लेने के बाद यहां के विकास के लिए अनेक घोषणाएं हुईं, लेकिन सांसद द्वारा गोद लेने से पहले गांव गुमथला जैसा था, आज भी वैसा ही है।
गुमथला गांव के जोहड़ हमेशा ओवर फ्लो रहते हैं। गंदगी से अटे पड़े। गंदा पानी गलियों में भी भर जाता है। गांव में जगह-जगह गंदगी के ढेर हैं। बताया जाता है कि सांसद नायब सिंह सैनी जब गांव आए तो लोगों ने उनके सामने ये मुद्दे रखे। उन्होंने समस्या समाधान का आश्वासन भी दिया, लेकिन असल में कुछ हुआ नहीं।
सांसद के समक्ष निवर्तमान सरंपच कृष्ण मेहता और यहां के अन्य लोगों ने मांग रखी थी कि गंदे पानी की निकासी का समुचित प्रबंध हो। नाले का निर्माण करवाया जाए। समस्याओं का समाधान न होने पर गांव के लोग निराश हैं।
यहां आंगनवाडी केंद्र व आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी का भवन खस्ताहाल है। गांव में पशु अस्पताल न होने से लोगों को पशुओं के इलाज के लिए अन्य गांवों में जाना पड़ता है। लोगों का कहना है कि गांव गोद लेने के तीन साल बाद भी विकास कार्य नहीं हुए। इस बारे में जब सांसद नायब सिंह सैनी से बात करनी चाही तो वह उपलब्ध नहीं हो पाए। बार-बार फोन करने पर भी उनकी ओर से कोई जवाब नहीं आया, अलबत्ता पंचायती राज विभाग के एसडीओं राकेश कुमार ने बताया कि गांव गुमथला के जोहड़ को एनजीटी के निर्देशों को ध्यान में रखते हुए 1 करोड़ रुपए की लागत से मॉडल पौंड तालाब बनाया जाएगा। इसके अलावा 38 लाख रुपए से नाले का निर्माण किया जाएगा। अन्य विकास कार्यो के लिए भी एस्टीमेट बनाया गया है। जल्दी ही विकास कार्य शुरू करवा दिए जाएंगे।
‘बहुत उम्मीदें थीं, मगर हुआ कुछ नहीं’
निवर्तमान सरपंच कृष्ण मेहता ने बताया कि गांव की 10 हजार की आबादी है और ग्राम पंचायत की कोई खास आमदनी नहीं है। सांसद के गांव को गोद लेने के बाद बहुत उम्मीदे बंधी थी। उन्होंने कहा कि सांसद के समक्ष गंदे पानी की निकासी, जोहड़, चारदीवारी, गलियों व नालियों का निर्माण, गांव के प्राइमरी स्कूल में ईंट बिछवाने, आंगनवाड़ी केंद्र निर्माण, चौपाल निर्माण जैसी अनेक मांगों को सांसद के सामने रखा था। उन्होंने आश्वासन भी दिया था, लेकिन आज तक कुछ नही हुआ। डेढ़ माह पहले गांव दौरे के दौरान सांसद ने मौके पर ही अधिकारियों को समस्याओं के समाधान का आदेश दिया था, लेकिन समस्याएं जस की तस हैं।