ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 23 जनवरी
हरियाणा में महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत चलाई जा रही आंगनबाड़ियों में कार्यरत वर्कर्स एवं हेल्पर्स की छंटनी नहीं होगी। सरकार की आईसीडीएस के निजीकण के किसी भी तरह की योजना नहीं है। आंगनबाड़ी केंद्रों में प्ले-स्कूल चलाने के पीछे भी सरकार का मकसद अनौपचारिक शिक्षा को मजबूती देना है। प्ले-स्कूलों की वजह से वर्कर्स एवं हेल्पर्स पर किसी तरह का असर नहीं पड़ेगा।
अपनी मांगों को लेकर आंगनबाड़ी वर्कर्स एवं हेल्पर्स 8 दिसंबर से हड़ताल पर हैं। इस बीच, यूनियन प्रतिनिधियों की सीएम मनोहर लाल खट्टर, महिला एवं बाल विकास मंत्री कमलेश ढांडा व विभाग के अधिकारियों के साथ बैठकें भी हो चुकी हैं। उनकी कई मांगों को सरकार स्वीकार भी कर चुकी है लेकिन आंगनबाड़ी वर्कर्स एवं हेल्पर्स हड़ताल से पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने की मांग पर सरकार पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि केंद्र की योजना के तहत इन्हें लगाया गया है और सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाना संभव नहीं है।
आंगनबाड़ी वर्कर्स एवं हेल्पर्स की ओर से मानदेय में बढ़ोतरी करने की मांग की जा ही है। सरकार पिछले दो वर्षों की बढ़ोतरी करने का ऐलान भी कर चुकी है। अहम बात यह है कि वर्तमान में आंनगबाड़ी वर्कर्स एवं हेल्पर्स को उत्तरी भारत के राज्यों में सर्वाधिक मानदेय दिया जा रहा है। सबसे अधिक मानदेय देने में हरियाणा, देशभर में भी दूसरे पायदान पर है। आंगनबाड़ी वर्कर्स को 11 हजार 811 तथा मिनी आंगनवाड़ी वर्कर को 10 हजार 632 तथा हेल्पर्स को 6 हजार 45 रुपये मानदेय दिया जा रहा है।
इसमें केंद्र सरकार का शेयर भी शामिल है। हरियाणा के मुकाबले तमिलनाडु में वर्कर्स को 10 हजार 800, छत्तीसगढ़ में 4700, मध्य प्रदेश में 8200, पश्चिम बंगाल में 4950 तथा पंजाब में 6300 रुपये मानदेय मिल रहा है। इसी तरह मिनी आंगनबाड़ी वर्कर को हरियाणा में 10632 के मुकाबले तमिलनाडु में 8000, तेलंगाना में 6400, छत्तीसगढ़ में 3100, मध्य प्रदेश में 4350 तथा पंजाब में 3900 रुपये मानदेय मिल रहा है।
हरियाणा में हेल्पर्स को 6045 मानदेय मिल रहा है और इसके मुकाबले छत्तीसगढ़ में 2350, मध्य प्रदेश में 4100, पश्चिम बंगाल में 3900 तथा पंजाब में 3150 रुपये मानदेय मिल रहा है। इस बीच, सीएम ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मिनी आंगनबाड़ी वर्कर एवं हेल्पर्स को कोरोना ड्यूटी के लिए एक हजार रुपये की एकमुश्त राशि प्रोत्साहन के रूप में देने का ऐलान किया है। सरकार यह भी स्पष्ट कर चुकी है कि कार्यकर्ता एवं सहायिका मानदेय प्राप्त कार्यकर्ता हैं और इनका मानदेय केंद्र द्वारा निर्धारित किया जाता है।
सेवानिवृत्ति पर लाभ का ऐलान
आंगनबाड़ी वर्कर्स एवं हेल्पर्स को पार्ट-टाइम माना जाता है। इनकी गिनती सरकारी कर्मचारी के तौर पर नहीं होने के चलते इन्हें रिटायरमेंट पेंशन लागू नहीं की जा सकती। इसके बाद भी राज्य सरकार ने आंगनवाड़ी वर्कर्स एवं हेल्पर्स को सेवानिवृत्ति पर क्रमश: एक लाख और पचास हजार रुपये की राशि देने का ऐलान सीएम ने किया है। सरकार ने 10 वर्ष अनुभव वाली कार्यकर्ताओं को वरिष्ठता एवं लिखित परीक्षा के आधार पर प्रमोट करने का भी फैसला लिया है।
यूनियन में भी दोनों तरह के पक्ष
आंगनबाड़ी वर्कर्स एवं हेल्पर्स यूनियन में भी दो पक्ष हैं। एक पक्ष तो सरकार द्वारा की गई घोषणाओं से पूरी तरह से राजी है। सीएम से मुलाकात के बाद उन्होंने अपनी हड़ताल खत्म करने का ऐलान भी कर दिया था लेकिन दूसरा पक्ष अभी भी अड़ा हुआ है। कुछ ऐसी मांगों को लेकर यह आंदोलन हो रहा है, जिन्हें लागू कर पाना सरकार के अधिकार क्षेत्र से भी बाहर है। माना जा रहा है कि इसी वजह से यूनियन में भी अंदरखाने इस बाबत विरोध देखने को मिल रहा है।