Haryana Congress कांग्रेस में अब ‘एकछत्र राज’ नहीं, सबको साथ लेकर चलेंगे: राव नरेंद्र सिंह
Haryana Congress हरियाणा कांग्रेस के नवनियुक्त प्रदेशाध्यक्ष राव नरेंद्र सिंह ने पदभार संभालने से पहले ही पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को स्पष्ट संदेश दे दिया है। उन्होंने कहा कि अब कांग्रेस में किसी का भी ‘एकछत्र राज’ नहीं चलेगा। संगठन को मजबूत करने के लिए सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं को एक मंच पर लाया जाएगा। राव का कहना है कि हमारा एजेंडा साफ है, गुटबाजी खत्म करना और संगठन को बूथ स्तर तक सक्रिय करना।
राव नरेंद्र सिंह 6 अक्तूबर को चंडीगढ़ स्थित कांग्रेस मुख्यालय में विधिवत तौर पर प्रदेशाध्यक्ष का पदभार ग्रहण करेंगे। पदभार संभालने के अगले ही दिन यानी 7 अक्तूबर को उन्होंने जिलाध्यक्षों की बैठक बुलाई है, जिसमें आगामी संगठनात्मक रणनीति पर विस्तार से चर्चा होगी। इसी दिन वे बीएलए (बूथ लेवल एजेंट्स) की भी बैठक करेंगे।
पार्टी पहले ही 90 विधानसभा क्षेत्रों में बीएलए की नियुक्ति कर चुकी है। अब अगला चरण बीएलए-II की नियुक्तियों का है। इस पर बैठक में विशेष चर्चा होगी और फार्मूला तय किया जाएगा। चुनावी राजनीति में बूथ लेवल एजेंट्स की भूमिका अहम होती है और राव का जोर है कि हर बूथ पर पार्टी का मजबूत प्रतिनिधि मौजूद हो।
गुटबाजी की कोई गुंजाइश नहीं
हरियाणा कांग्रेस लंबे समय से गुटबाजी की मार झेल रही है, जिससे पार्टी को कई बार चुनावी नुकसान उठाना पड़ा है। राव नरेंद्र सिंह ने कहा कि वे सभी वरिष्ठ नेताओं से व्यक्तिगत मुलाकात और संवाद कर रहे हैं। वे अब तक रणदीप सिंह सुरजेवाला, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, बीरेंद्र सिंह, अजय सिंह यादव और राव दान सिंह जैसे दिग्गज नेताओं से मिल चुके हैं।
वहीं, कुमारी सैलजा से उनकी फोन पर बातचीत हुई है और जल्द ही मुलाकात भी होगी। पूर्व स्पीकर कुलदीप शर्मा और पूर्व वित्त मंत्री प्रो. संपत्त सिंह की नाराजगी को लेकर पूछे सवाल पर राव ने कहा कि ‘मैं सभी से बात करूंगा और मुझे भरोसा है कि हम सबको साथ लेकर चलने में सफल रहेंगे।’
अहीरवाल की चौधर पर बड़ा बयान
हरियाणा की राजनीति में अहीरवाल को बड़ा राजनीतिक आधार माना जाता है। स्वयं अहीरवाल से आने वाले राव से जब क्षेत्रीय चौधर के सवाल पर पूछा गया तो उन्होंने साफ कहा—‘हम चाहते हैं कि हरियाणा में कांग्रेस की चौधर हो। जब कांग्रेस सत्ता में आएगी तो अहीरवाल की भी चौधर होगी और पूरे प्रदेश की भी। किसी एक व्यक्ति का छत्रराज नहीं चलेगा।’ यह बयान संकेत है कि वे जातीय या क्षेत्रीय राजनीति की बजाय पूरे हरियाणा को साधने की रणनीति बना रहे हैं।
संगठनात्मक ढांचे पर फोकस
राव नरेंद्र सिंह ने कहा कि संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करना उनकी शीर्ष प्राथमिकता है। जल्द ही ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्तियां की जाएंगी, जिसके बाद प्रदेश कार्यकारिणी का गठन होगा। उनका मानना है कि जब तक संगठनात्मक इकाइयां मजबूत नहीं होंगी, तब तक चुनावी लड़ाई प्रभावी ढंग से नहीं लड़ी जा सकती।
बृजेंद्र सिंह की सदभावना यात्रा पर प्रतिक्रिया
पूर्व सांसद बृजेंद्र सिंह की 5 अक्तूबर से शुरू होने वाली सदभावना यात्रा पर राव ने कहा कि बृजेंद्र सिंह का उनके पास भी फोन आया था, लेकिन व्यस्तता के कारण वे इसमें शामिल नहीं हो पाएंगे। निवर्तमान प्रदेशाध्यक्ष उदयभान पहले ही इस यात्रा को कांग्रेस का आधिकारिक कार्यक्रम मानने से इंकार कर चुके हैं। इस पर राव ने टिप्पणी की ‘पार्टी के नेताओं को किसी भी कार्यक्रम से पहले हाईकमान और प्रदेश नेतृत्व से चर्चा करनी चाहिए।’
हाईकमान का भरोसा और नयी चुनौती
राव ने स्पष्ट किया कि उनकी नियुक्ति पार्टी हाईकमान ने सर्वसम्मति से की है। वे कहते हैं कि यह जिम्मेदारी उन्हें संगठन की मजबूती और कांग्रेस की वापसी के लिए दी गई है। इसलिए वे व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं को दरकिनार कर हर कार्यकर्ता और नेता को साथ जोड़ने का काम करेंगे। राव का मानना है कि आगामी चुनाव में जीत का मंत्र बूथ स्तर पर संगठन की मजबूती है। उन्होंने कहा कि चुनाव बूथ पर जीते जाते हैं और यही हमारी प्राथमिकता है।