चंडीगढ़, 19 अक्तूबर (ट्रिन्यू)
हरियाणा में कोयले का संकट खत्म हो गया है। कोयले की सप्लाई नियमित हो गई है। ऐसे में अब गांवों में लगाया जा रहा दो घंटे का पावर कट बंद कर दिया जाएगा। इस बाबत बिजली निगमों के अधिकारियों को हिदायतें दे दी हैं। दरअसल, कोयले की आपूर्ति कम होने के चलते गांवों में शाम को छह से रात 8 बजे तक बिजली कट शुरू हो गया था।
कोयले का प्रबंध होने के बाद इस कट को बंद कर दिया है। ‘म्हारा गांव-जगमग गांव’ योजना में अभी तक शामिल नहीं हुए गांवों में शाम को चार से 6 बजे तक बिजली कटौती पहले की तरह जारी रहेगी। बिजली विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास ने मंगलवार को यहां बताया कि प्रदेश में 15 करोड़ यूनिट के लगभग रोजाना बिजली की डिमांड है।
सरकार द्वारा गांवों में 24 घंटे बिजली आपूर्ति के लिए शुरू की गई ‘म्हारा गांव-जगमग गांव’ योजना में अभी तक 5400 के करीब गांव आ चुके हैं। प्रदेश के 15 प्रतिशत के लगभग ऐसे गांव हैं, जिन्होंने अभी तक इस योजना को नहीं अपनाया है। इसके लिए ग्रामीणों को जागरूक किया जा रहा है ताकि वे नियमित रूप से बिल भरें और उनके यहां भी चौबीस घंटे आपूर्ति हो सके। एक सवाल पर दास ने कहा कि कोयला संकट की वजह से इन गांवों में दो घंटे अतिरिक्त बिजली कटौती शुरू की थी। शनिवार से बिजली उत्पादन संयंत्रों में कोयले की आपूर्ति सामान्य हो गई है। पहले जहां प्रतिदिन कोयले के चार रैक मिल रहे थे। अब रोजाना दस से बारह रैक आ रहे हैं। इनकी संख्या सप्ताहभर में 15 तक पहुंच सकती है।
दो माह का स्टाक रखेगी सरकार
कोयला संकट के दौर में यह उपलब्धता तीन से चार दिन की रह गई थी। इससे सबक लेते हुए बिजली महकमे के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास ने बिजली उत्पादन निगम के प्रबंधकों को निर्देश दिए हैं कि स्टाक की उपलब्धता को बढ़ाकर डेढ़ से पौने दो माह तक ले जाया जाए ताकि भविष्य में अगर मानसून के दौरान खदानों में पानी भरने से कोयला संकट होता है तो प्रदेश पर इसका प्रभाव न पड़े।