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डिलीवरी रूम में जमी थी धूल की परत, पड़ी थी खाट

जच्चा-बच्चा की मौत मामले में डाॅक्टरों की टीम ने नर्सिंग होम का किया निरीक्षण, मिली खामियां

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गुहला चीका में सोमवार को नर्सिंग होम का निरीक्षण करती एसएमओ डॉ. प्रीति सिंगला और अन्य डाॅक्टरों की टीम। -निस
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जीत सिंह सैनी/ निस

गुहला चीका, 16 दिसंबर

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नर्सिंग होम में शनिवार रात को जच्चा-बच्चा की मौत के बाद सोमवार को एसएमओ प्रीति सिंगला के नेतृत्व में डॉक्टरों की टीम ने अस्पताल का दौरा किया और वहां रखी दवाइयां, इलाज के सामान, लैब सहित का अन्य सुविधाओं का जायजा लिया। टीम में डॉ. अमन बंसल, डॉ. दिनेश पुनिया, डॉ. परल मित्तल शामिल थे।

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वहीं इस घटना के तीसरे दिन भी सार्थक अस्पताल पूरी तरह से खाली पड़ा रहा। अस्पताल के डाॅक्टर व स्टाफ का कोई भी सदस्य निरीक्षण के दौरान टीम के सामने नहीं आया।

डाक्टरों की टीम ने अस्पताल स्थित डिलीवरी रूम का भी निरीक्षण किया, जहां पर डिलीवरी के दौरान बच्चे व उसके बाद पटियाला ले जाते समय महिला सुनिता की मौत हो गई थी। डिलीवरी रूम में पड़े कबाड़ व उनके ऊपर जमी धूल देखकर डाक्टरों की टीम सन्न रह गई। डिलीवरी रूम में वर्षों से सफाई नहीं हुई थी। डिलीवरी रूम में घरों में प्रयोग होने वाली चारपाई खड़ी की गई थी जिसको देखकर डाक्टर हैरान थे। अस्पताल में खुली पड़ी प्रयोग की हुई सुइयां व मेडिकल वेस्ट को संभालने की समुचित व्यवस्था नहीं थी।

अस्पताल के निरीक्षण के बाद पत्रकारों से बात करते हुए एसएमओ डॉ. प्रीति सिंगला ने कहा कि नर्सिंग होम का डिलीवरी रूम किसी भी तरह से प्रसव के लिए उपयुक्त नहीं है। यह डिलवरी रूम कम इंफेक्शन रूम ज्यादा नजर आ रहा है। ऐसे रूम में यदि डिलीवरी करवाई जाएगी तो मां और बच्चा दोनों को इंफेक्शन होने का खतरा बना रहेगा। अस्पताल की खामियों की पूरी रिपोर्ट बना उच्च अधिकारियों को भेजी जाएगी और अस्पताल की संचालक महिला डाॅक्टर की डिग्रियों की भी जांच के लिए लिखा जाएगा। थाना प्रभारी सुरेश कुमार ने कहा कि सार्थक नर्सिंग होम की जांच करवाने व संचालिका की डिग्री की जांच के लिए डाक्टरों का बोर्ड गठित करने के लिए सीएमओ को लिखा गया है। सार्थक नर्सिंग होम की तरफ से अभी पुलिस को कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है।

तोड़फोड़ की ऑनलाइन दी शिकायत

सार्थक नर्सिंग होम की संचालिका डॉ. अनु सिंह ने कहा कि उन्होंने बच्चे और उसकी मां को बचाने का भरसक प्रयास किया लेकिन वे इसमें सफल नहीं हो पाई। जच्चा-बच्चा की मौत के बाद उसके परिजनों ने उनके ऊपर हमला कर उनके पति को घायल किया है और अस्पताल में तोड़फोड़ की है। हमलावरों ने अस्पताल का रिकार्ड खुर्द-बुर्द कर दिया है। डॉ. अनु सिंह ने बताया कि उनकी तरफ से भी चीका थाने में ऑनलाइन रिपोर्ट दर्ज करवाई गई है।

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